विनय बिहारी सिंह
फ्री रेडिकल्स वे रसायन हैं जो हमारे शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। आमतौर पर ये रेडिएशन, प्रदूषण, धूम्रपान आदि के कारण शरीर में बढ़ जाते हैं। हाल में एक वैग्यानिक विचार यह आया है कि बाजारों में खराब तेल व घी में तली- भुनी चीजें भी फ्री रेडिकल्स को जन्म देती हैं। खासतौर पर भारतीय बाजारों में। ऐसी तली- भुनी चीजें खाने से शरीर के सेल क्षतिग्रस्त होते हैं और मनुष्य जल्दी बूढ़ा और बीमार होता है। तो इससे बचने के उपाय क्या हैं? इसके उत्तर में बताया गया है कि विटामिन बी और सी का सेवन किया जाना चाहिए। तली भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए, धूम्रपान और तंबाकू से दूर रहना चाहिए और गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। यानी हल्का- फुल्का भोजन करना चाहिए। आइए कुछ विटामिनों के बारे में जानें- विटामिन ए- दूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियों में पाया जाता है। हमारा शरीर, पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता है। विटामिन बी- साबुत अनाज, आटा और दालें, मेवा, मटर फ़लियों में पाया जाता है। इसके अलावा दूध, पनीर में भी विटामिन बी पाया जाता है। विटामिन सी कहां से पाएं? यह सभी रसदार फ़लों., टमाटर, कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरी और कुछ डाक्टरों के मुताबिक नींबू का रस, मोसम्मी और हरे मिर्च में भी पाया जाता है। विटामिन सी को एसकोरबिक ऐसिड के नाम से भी जान जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं को बांध के रखता है। इससे शरीर के विभिन्न अंग को आकार बनाने में मदद मिलत है। यह शरीर की खून के नसों (रक्त वाहिकाओं) को मजबूत बनाता है। इसके एंटीहिस्टामीन गुणवत्ता के कारण, यह सामान्य सर्दी-जुकाम में दवा का काम कर सकता है।इसके अभाव में मसूडों से खून बहता है, दांत दर्द हो सकता है, दांद ढीले हो सकते हैं या निकल सकते हैं। स्किन में भी चोट लगने पर अधिक खून बह सकता है। आपको भूख कम लगेगी।
विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं – नारंगी जैसे फल या सिटरस फ्रूट्स, खरबूज। विटामिन ई- फलों और सब्जियों में पाया जाता है। यह शरीर को ओक्सिजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ओक्सिजन रेडिकल्स कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट कहा जाता है। विटामिन इ, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाय रखता है। विटामिन इ, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।
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