Monday, August 4, 2014

शीशे की तरह दिखेंगे शरीर के अंग

Courtesy-BBC Hindi

किडनी के ऊतक
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीकी विकसित की है जिससे पूरा शरीर शीशे की तरह पारदर्शी हो सकता है.
'सेल' नाम की विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने इस तकनीक की जानकारी दी है.

   अभी तक चूहों और गिलहरी जैसे स्तनपायी जानवरों पर इसका प्रयोग किया गया है लेकिन इसका प्रयोग मानव शरीर में विषाणुओं के प्रसार और कैंसर का पता लगाने में भी किया जा सकता है.

क़रीब एक सदी से वैज्ञानिक शरीर को पारदर्शी रूप से देखने का प्रयास कर रहे थे लेकिन अधिकांश तकनीकें उत्तकों को नुक़सान पहुंचा सकती हैं.
कोशिकाओं में मौज़ूद लिपिड (वसा) के मोटे कण प्रकाश किरणों को विकृत कर उत्तकों को अपारदर्शी बना सकते हैं लेकिन उन्हें विघटित करने में प्रयोग होने वाली प्रक्रिया से क्लिक करें अंग कमज़ोर हो सकते हैं और उनका आकार बिगड़ सकता है.
आंत के ऊतक
कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने पूर्व के वैज्ञानिक कामों के आधार पर एक तीन स्तरीय तकनीक विकसित की है.
  • एक नरम प्लास्टिक की झिल्ली उत्तकों को सहारा देती है.
  • ख़ून के प्रवाह के ज़रिए आनुवांशिक डिटर्जेंट (साफ़ करने वाले पदार्थ) को लगातार डाला जाता है. यह लिपिड को घोलता जाता है और अंगों को पारदर्शी बनाता जाता है.
  • महत्वपूर्ण जोड़ों को पहचानने के लिए इस मिश्रण में पहचान करने वाले रंगों और अणुओं को मिलाया जा सकता है.
इस विधि का चूहों और गिलहरियों में प्रयोग कर वैज्ञानिक उनकी  किडनी, दिल, फेफड़ों और आंतों को तीन दिन में देखने में सफल रहे. उन्होंने दो हफ़्ते में उनके पूरे शरीर को पारदर्शी रूप से देख लिया.

वैज्ञानिकों का सपना

रिपोर्ट के प्रमुख लेखक डॉक्टर विवियाना गार्डिनारू कहते हैं कि यह जीव वैज्ञानिकों के सपनों को सच करने जैसा है.
वो कहते हैं कि स्कैनिंग तकनीक की मदद से डॉक्टरों को शरीर को देखने में मदद मिल रही है. लेकिन वो यह नहीं जान पा रहे है कि कोई कोशिका या उत्तक कर क्या रहे हैं. मगर इस तकनीक के ज़रिए शरीर के उन अंगों की पहचान और उनके काम की प्रामाणिक जानकारी जुटाई जा सकती है, जिसके बारे में हम जानकारी हासिल करना चाहते हैं.