Wednesday, August 17, 2011

असली भक्त कभी निराश नहीं होता

विनय बिहारी सिंह



सिद्ध संतों ने कहा है- असली भक्त कभी निराश नहीं होता। वह यह मान ही नहीं सकता कि भगवान उससे बातें नहीं करेंगे। उसे प्यार नहीं करते या वे उसकी रक्षा नहीं कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात है भगवान में विश्वास। यह आध्यात्मिक रास्ते पर चलने के लिए आधार है। यदि भगवान में आपको विश्वास नहीं है तो कृपया अंधेरे में मत चलिए। यह पूरा ब्रह्मांड भगवान का ही है। हम उन्हीं की कृपा से सांस ले रहे हैं। बस वे छुपे हुए हैं। क्यों? यह उनका नियम है। हम छोटा सा काम भी करके उसका श्रेय लेना चाहते हैं- यह काम मैंने किया। यह मैं हूं। सिर्फ मैं, मैं और मैं। लेकिन भगवान पूरी सृष्टि चला रहे हैं और फिर भी छुपे हुए हैं। हां, वे प्रकट होते हैं। किसके सामने प्रकट होते हैं? अपने अनन्य भक्तों के सामने। कब? जब उनकी मर्जी। वे अकारण करुण हैं। बिना किसी कारण के भी करुणा करते हैं, कृपा करते हैं। बस हमारा काम है कि हम भक्ति करते जाएं। जितनी गहरी भक्ति संभव हो उतनी। परमहंस योगानंद ने कहा है- पूरा जीवन भगवान से प्रार्थना का पर्याय बन जाए तो कितना आनंद है। यह सच है। अच्छी चीजों के लिए प्रार्थना करना सुखद है। पूरा जीवन भगवानमय हो जाए। बस आनंद ही आनंद है।

1 comment:

vandana gupta said...

वाह बिल्कुल सही बात कही है।