Tuesday, June 1, 2010

थर्ड स्मोक के खतरे

विनय बिहारी सिंह

थर्ड स्मोक भी आपके लिए खतरा है। यह थर्ड स्मोक क्या है? मान लीजिए किसी ने कमरे में सिगरेट पी। उसके सिगरेट का धुआं वहां रखे अखबार और अन्य कागजों में सोख लिया जाता है। यहां तक कि मेज कुर्सियों में भी सोख लिया जाता है। इसका असर अगले दिन तक या उसके भी अगले दिन तक रहता है। अब मान लीजिए उस कमरे में घर का कोई बच्चा खेलने गया तो उस धुएं के बचे हुए अवशेष का उस पर बुरा असर पड़ेगा। धुएं के इस अवशेष को ही थर्ड स्मोक कहते हैं। वैग्यानिकों ने पाया है कि जिन घरों में सिगरेट या बीड़ी पी जाती है, उस घर के बच्चे अपने जीवन काल में या तो हृदय रोग या कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं।
कोई व्यक्ति आपके कमरे में सिगरेट पीकर चला गया और आपने सोचा कि चलो धुआं तो अब है नहीं, यहीं बच्चे को लिटा देते हैं, तो यहीं से खतरा शुरू हो जाएगा। अब आते हैं जर्दा वाले पान और गुटका (पान मसाला) आदि पर। ये चीजें भी आपके लिए खतरा हैं। अगर किसी ने आपके घर की नाली में ही सही, पान की पीक थूक दी तो वैग्यानिकों का कहना है कि इसका आपके घर के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। जिन घरों में पान मसाला खाने वाले लोग हैं
उनके घर के लोगों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसीलिए तंबाकू निषेध दिवस पर सारे विशेषग्यों ने कहा- जो तंबाकू खाने या पीने के आदी हैं, उन्हें यह आदत छोड़ देनी चाहिए। एक सर्वे आया है कि युवा पीढ़ी के लोगों में सिगरेट पीने का चलन बढ़ रहा है। खासतौर से उन युवकों में जो काल सेंटरों में काम करते हैं। अभी तो पता नहीं चल रहा है, लेकिन जैसे ही उनकी उम्र चालीस पार करेगी, सिगरेट के दुष्प्रभाव का कहर उन पर टूट पड़ेगा। तंबाकू जहर है।

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