विनय बिहारी सिंह
आज मैं अपने जीवन में हुए एक चमत्कार के बारे में बताना चाहता हूं। पिछले जून में अचानक मेरी कमर में दर्द शुरू हो गया। इतना दर्द कि मेरा चलना मुश्किल हो गया। लेटे रहने पर तो ठीक रहता था लेकिन ज्योंही मैं चलता था, दर्द असह्य हो जाता था। डाक्टर को दिखाया, दवा खाई। कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैं हर रविवार को योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया के दक्षिणेश्वर (कोलकाता) मठ में जाता हूं। इस मठ को सुविख्यात पुस्तक- आटोबायोग्राफी आफ अ योगी (योगी कथामृत) के लेखक परमहंस योगानंद जी ने बनवाया था। सुबह साढ़े दस बजे से रात सात बजे तक इस मठ के पवित्र माहौल में रहते हुए सुख मिलता है। वहां के सन्यासियों के साथ सत्संग का लाभ शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। रविवार को दिन का भोजन वहीं करता हूं। दर्द तो था लेकिन सन्यासियों से मिलने का लोभ मैं संवरण नहीं कर पाया और कष्ट के बावजूद किसी तरह मठ में पहुंच गया। मैंने मठ के एक सन्यासी स्वामी शुद्धानंद जी से मुलाकात की और अपने असह्य कमर दर्द के बारे में बताया। उन्होंने कहा- आप किसी आर्थोपेडिक डाक्टर से दिखा लीजिए। फिलहाल मैं आपको एक योगासन बताता हूं, उसे आप करिए। उन्होंने तीन योगासन बताए मुझे जमीन पर लेट कर करने को कहा। उनके निर्देश पर उनके सामने आसन का अभ्यास करते समय ही मेरा आधा दर्द खत्म हो गया। अगले दिन मैंने जब योगासन किया तो रात तक पूरा दर्द चला गया। मैं अगले रविवार को पहुंचा औऱ स्वामी जी से इस चमत्कार के बारे में बताया। २४ घंटे के अंदर दर्द का पूरी तरह जाना मेरे लिए चमत्कार था। उन्होंने कहा- इसे करते रहिए। मैंने पूछा- अब क्या डाक्टर के पास जाने की जरूरत है? उन्होंने कहा- अगर तकलीफ बिल्कुल खत्म हो गई तो फिर कोई जरूरत नहीं। मैं हैरान हूं। जो दर्द मुझे भीतर तक छेद रहा था और लग रहा था कि अब जाने क्या होगा, वह सिर्फ योगासन से ठीक हो गया? हाँ, सच यही है।
7 comments:
इस प्रकार की बातों को सुनकर वाकई अचरज होता है .. और दुख भी कि हमारे परंपरागत ज्ञान को क्यूं विकसित नहीं होने दिया गया !!
सबसे पहले तो आपको पीड़ा से मुक्ति मिलने पर बधाई !
रही बात योगासन से ठीक होने की
तो सचमुच ये एक चमत्कार है
और चमत्कार को नमस्कार है
vinay ji koun se yogasan se itna jaldi aapko aram mila kripya btane ka krupa karenge. main v kamar derd se bahut paresan hu?
योगासन के चमत्कारिक प्रभाव होते हैं.
vijay ji,
maine jo yogasan kiya, unme se do hain- pawan muktasan, bhujangasan.
kripaya, kisi jankaar ki dekh rekh me yogasan karen.
--vinay bihari singh
VINAY JI
PAHLE TO AAPKO BADHAI HO KI AAPKA KAMAR DARD CHALA GAYA PLEASE KYA AAP MERE KO BHI US YOGA KE BARE MEIN PURI DETAIL SE BATA DENGE AAPKI BADI MEHARBANI HOGI.MEIN BHI KAMAR DARD SE PARESHAN HOON. THANK YOU
SANGRAM SINGH
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