Saturday, December 31, 2011

नए साल की शुभकामनाएं

विनय बिहारी सिंह




नए साल में भगवान करें आप सबको नित नई खुशियां मिलें। आपकी मनोकामनाएं पूरी हों और ईश्वर का आशीर्वाद आप सबके ऊपर सदा बरसता रहे। पिछले साल के कष्टों और दुखों को सदा के लिए भूल जाइए क्योंकि आने वाले दिन नई उम्मीद लेकर आ रहे हैं। नए साल के पहले दिन हम सब अलग अलग तरह से बिताना पसंद करते हैं। कुछ लोग किसी मंदिर में विधिवत पूजा करते हैं। कुछ लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। तो कुछ पूरे दिन ध्यान और भजन में बिताते हैं। संसार में पूरी तरह आसक्त लोग तो नाच- गाना और विशेष तरह का खाना पीना करते हैं। विशेष तरह का भोजन तो सभी लोग करते हैं। मान्यता है कि इस दिन आनंद से बिताने पर पूरा साल आनंद में बीतता है। सच्चाई क्या है- आप सभी जानते हैं। हम भगवान के जितने करीब रहेंगे, हमारा समय उतना ही आनंदमय बीतेगा। संसार के जितने करीब रहेंगे, हमारा समय उतना ही कष्टकर होगा। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम संसार के लोगों के साथ अच्छा आचरण न करें। संसार में हमें प्रेम, सद्भाव को पकड़े रहना है। लेकिन यह भी समझना है कि यह संसार हमारा नहीं है। भगवान का है। यहां हम कुछ दिनों के लिए आए हैं। नया साल हम चाहें या न चाहें- आएगा ही। नया साल जब आता है तो हमें चौकस कर जाता है। नया साल यह संदेश देता है कि- हम अपने भीतर झांकें। देखें कि पूरे साल में हमने क्या किया। क्या करना बाकी है। नए साल में क्या नए काम करने हैं। पिछले एक साल में मेरा कोई विकास हुआ या नहीं। वगैरह वगैरह। क्योंकि पहली जनवरी बीत जाने के बाद फिर वही रुटीन हो जाती है। दिन भी वैसे ही बीतने लगते हैं जैसे पिछले साल के थे। थोड़े बहुत फेरबदल होते हैं। लेकिन बाकी तो वही वही रहता है। इसलिए विधिवत योजना बने तो जीवन में विविधता आए। मेरी कामना है कि आप सब पिछले साल की तुलना में नए साल में अनेक बेहतर आयाम खोजें। जीवन और अधिक ईश्वरमय हो। आपकी और ज्यादा आध्यात्मिक उन्नति हो और आप सब सदा आनंद में रहें, सुखी रहें।

2 comments:

कविता रावत said...

बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति..
आपको भी सपरिवार नववर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें...

शिवनागले दमुआ said...

महोदय जी ,
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामना ! ईश्वर से प्रार्थना करते हैं , कि आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहो , और आपके उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक लेखों से हमे भी आनंद तथा ज्ञान की प्राप्ति होती रहे ! धन्यवाद !
जय श्रीराम !