(COURTESY- BBC HINDI SERVICE)
सौर-विमान की उड़ान स्थगित
ऐन वक़्त पर आई तकनीकी समस्याओं की वजह से सौर ऊर्जा से चलने वाले विमान को चौबीस घंटे उड़ाने की योजना को स्थगित करना पड़ा है.
स्विट्ज़रलैंड में इसके आयोजकों ने कहा है कि वे जुलाई से पहले इस विमान को 24 घंटे उड़ाएँगे क्योंकि उसके बाद सूरज की रोशनी में पर्याप्त तेज़ी नहीं रह जाएगी.
इस विमान को स्विस विमान तल से उड़ान भरनी थी और दिन भर के बाद रात में भी उडा़न भरनी थी.
एचबी-एसआईए विमान को दिन में अपने सौर पैनलों में इतनी ऊर्जा पैदा करनी है जिससे कि वह रात में आसानी से उड़ान भर सके.
लेकिन एक ट्रांसमीटर के ख़राब हो जाने की वजह से इसकी उड़ान रद्द करनी पड़ी.
विमान के आविष्कारकों में से एक बर्ट्रैंड पिकार्ड ने कहा है कि अब पायलट को अमरीका से नया ट्रांसमीटर आ जाने तक इंतज़ार करना पड़ेगा.
पिकार्ड जोख़िमभरे कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं.वे 1999 में गैस भरे गुब्बारे से बिना रुके दुनिया की परिक्रमा कर चुके हैं.
ख़राबी
इस विमान को रोबोट के साथ पहले सफलता के साथ उड़ाया जा चुका है लेकिन मानव पायलट के साथ इसे पहली बार उड़ाया जाना है.
बुधवार की रात तक विमान को उड़ाने की योजना ठीक चल रही थी लेकिन ऐन वक़्त पर जर्मनी से आया एक छोटा ट्रांसमीटर ख़राब हो गया.
रात भर तकनीशियन काम करते रहे लेकिन वे इसे विमान की दूसरी मशीनों से साथ काम करने योग्य नहीं बना सके.
यह ट्रांसमीटर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पायलट पर निगरानी रखेगा कि वह चौबीसों घंटे सजगता के साथ विमान उड़ा रहा है.
अब इसे अमरीका से मंगवाया जा रहा है.
डॉ पिकार्ड ने कहा, "हमें विमान की उड़ान को किसी और दिन के लिए स्थगित करना पड़ा है."
विशेष विमान
यह विशेष विमान कई तकनीकों की हद तक जाकर विकसित किया गया है क्योंकि आविष्कारकों को इस विमान का वज़न कम करना था.
इसके दोनों पंखों की कुल लंबाई 61 मीटर है जिस पर सौर पैनल लगे हुए हैं.
इस सौर पैनल के ज़रिए पैदा की गई बिजली की मदद से यह विमान पाँच मील की ऊँचाई तक उड़ान भरेगा और इस बीच वह बैटरी में ऊर्जा संचित करता चलेगा. इसी संचित ऊर्जा से विमान रात में उड़ान भरेगा.
बीबीसी के संवाददाता रोजर हैराबिन का कहना है कि इस उड़ान के आयोजक विमानन के क्षेत्र में कोई क्रांति करने का विचार नहीं रखते बल्कि वो लोगों को दिखाना चाहते हैं कि सूर्य में कितनी ताक़त है.
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