Monday, March 29, 2010

मांगना ही है तो सर्वोच्च जगह मांगिए




विनय बिहारी सिंह




कथा है कि एक बार एक भक्त की साधना से प्रसन्न होकर भगवान उसके सामने प्रकट हुए और कहा कि वर मांगो। उस भक्त में कामनाएं- वासनाएं अभी भी बची हुई थीं। उसने मांगा- मुझे पत्नी के रूप में एक सुंदर स्त्री दे दीजिए। भगवान हंसे और बोले- पुत्र, अनंत काल से सभी प्रकार के जीवों को मैं सुंदर पति या पत्नी देता आ रहा हूं। तुमने कोई नयी चीज तो मांगी नहीं। तुमने वही सांसारिक चीज मांगी जिसे सभी मांगते हैं। कोई धन मांगता है, कोई नौकरी तो कोई सुंदर पति या पत्नी। यह तो कोई नहीं कहता कि भगवान मुझे तो आप ही चाहिए। जाओ, मैंने तुम्हें पत्नी के रूप में एक सुंदर स्त्री दिया। भगवान का हंसना स्वाभाविक है। राजा के पास गए और उसने कहा कि जो मांगना है मांगो, मेरा खजाना खुला है। और हम राजा से कहें- एक सुंदर मित्र दे दीजिए। तो राजा का आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है। वह सोचता है ये राज्य का एक हिस्सा मांगेगा या रहने के लिए घर और स्थाई आमदनी मांगेगा। वह यह सब देने को तैयार है। लेकिन आपने सिर्फ स्वादिष्ट भोजन मांग लिया तो वह चकित हो जाएगा। राजा से उसके स्तर की चीज मांगनी चाहिए। अगर आप उससे राज्य की जनता के लिए सुख, शांति और समृद्धि मांगते हैं तो इसमें आप भी शामिल हो गए। कहने का अर्थ है कि समग्रता से ही कोई चीज मांगने में आनंद है। अगर आप चाहते हैं कि राज्य की जनता सुरक्षित रहे और समृद्ध हो तो यही राजा से मांगिए। इसमें आपकी भी सुरक्षा और समृद्धि शामिल है। एकदम से व्यक्तिगत चीजें भगवान से मांगने में हर्ज नहीं है। लेकिन अगर दृष्टि व्यापक हो तो आनंद ही आनंद है। भगवान चाहते हैं कि आप उन्हें चाहें। एक बार आपने उनसे कहा कि हे भगवान मैं तो सिर्फ और सिर्फ आपको ही चाहता हूं। बस, भगवान तो आपको सदा के लिए मिल ही जाएंगे ऊपर से आपकी सारी भौतिक आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी। लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों को यह याद ही नहीं रहता। हम तो अपने कामों इस कदर फंसे रहते हैं कि भगवान हाशिए पर चले जाते हैं। या सुबह पूजा कर लिया बस हो गया। भगवान को हमेशा पकड़े रहने में ही आनंद है। उन्हें कभी मत भूलिए और अपना काम करते रहिए। रामकृष्ण परमहंस कहते थे- एक हाथ से जीवन की लड़ाई लड़ो, लेकिन दूसरे हाथ से भगवान को पकड़े रहो। ऐसी लड़ाई में तुम्हारी विजय होगी। सार तत्व यह है कि भगवान के बिना एक पल भी रहना नर्क में रहने जैसा है।

1 comment:

सीमा सचदेव said...

bhagvaan ko hamesha pakade rahane me hi aanand hai....sataya kahaa aapane