Monday, January 11, 2010

विष्णु सहस्रनाम की अनंतता

विनय बिहारी सिंह

विष्णु सहस्रनाम अद्भुत प्रभाव वाला है। ऋषियों ने कहा है कि विष्णु और विश्व एक ही है। यह ब्रह्मांड को विश्व कहा गया है। यानी समूचा ब्रह्मांड विष्णु का प्रतीक है। विष्णु सहस्रनाम में प्रत्येक नाम गहरे अर्थ को लिए हुए है। इन नामों का क्रम यूं ही नहीं रखा गया है। एक- एक नाम अपने आप में मंत्र है। इसीलिए विष्णु सहस्रनाम पाठ करने वाले लोग इसका नाम सुनते ही आह्लादित हो जाते हैं। विश्वं और विश्वमूर्ते विष्णु का ही नाम है। सहस्र नामों में कोई भी नाम कम ओजस्वी नहीं है। और हर नाम अनंतता लिए हुए है। इसी तरह शिव सहस्रनाम भी है। विष्णु सहस्रनाम पढ़ते हुए आपको लगेगा कि इस ब्रह्मांड के कण- कण में विष्णु भगवान हैं और बिना उनकी इच्छा के एक पत्ता भी नहीं हिलता। तो इन नामों का महत्व क्या है? ये नाम अपने आप में अनंत सागर हैं। इनमें डुबकी लगाइए और अमृत का आनंद पाइए। लेकिन हां, जो लोग मेकेनिकल ढंग से इसका पाठ करेंगे उन्हें इसका रस नहीं मिल पाएगा। कई लोग मशीन की तरह धड़ाधड़ नाम पढ़ कर आसन से उठ जाते हैं और भोजन करने बैठ जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जो नाम आप पढ़ रहे हैं, उसके अर्थ में जाइए। तब उसका आनंद आएगा। अगला नाम पिछले नाम का ही विस्तार है। आपके सामने अनंत विस्तार फैला हुआ है। विष्णु भगवान अपनी बाहें फैला कर आपके सामने खड़े हैं और प्रतीक्षा कर रहे हैं कि आप उनके आगोश में चले जाएं और उन्हें अपने अंक पाश में बांध लें। आखिरकार आप उनके पुत्र हैं। आपका अधिकार बनता है। लेकिन कई लोगों का दिमाग अपने काम में इस तरह चक्कर काटता रहता है कि वे पढ़ते तो हैं विष्णु सहस्रनाम लेकिन दिमाग कहीं औऱ चक्कर काटता रहता है। ठीक है, हर आदमी को अपने काम पर केंद्रित रहना चाहिए। कहने का अर्थ यह नहीं है कि आप सारा कामधाम छोड़ कर विष्णु सहस्रनाम पाठ कीजिए। लेकिन एक समय एक ही काम कीजिए। अगर आप पाठ कर रहे हैं तो अपना पूरा ध्यान पाठ पर ही लगाइए। बीच में कोई चिंतन दिमाग में आने न दीजिए। आता भी है तो क्षण भर में झटक दीजिए। और जब काम कीजिए तो बस पूरी तन्मयता से काम ही कीजिए। जो भी काम कीजिए बस तन्मयता उसी के प्रति हो। वैग्यानिकों ने हाल ही में कहा है कि दो चित्त हो कर यानी डाइवर्टेड माइंड वाला आदमी किसी भी बीमारी का जल्दी शिकार होता है। उसे भय भी जल्दी पकड़ता है। इसके उलट एकाग्रचित्त व्यक्ति शक्तिशाली और निडर होता है। जिन लोगों ने विष्णु सहस्रनाम या शिव सहस्रनाम नहीं पढ़ा है, उन्हें इसे अवश्य पढ़ना चाहिए। अगर खरीदने की सुविधा न हो तो किसी लाइब्रेरी में ही सही। लेकिन पढिए जरूर। आनंद आएगा।

2 comments:

नितिन बागला said...

Library me bhi na mile to yaha se download kar lijiye

http://www.scribd.com/doc/18940033/Vishnu-Sahasranama-Stotram-Hindi

Udan Tashtari said...

नितिन जी को लिंक के लिए आभार...


आपका आभार!