Tuesday, January 12, 2010

अब नमक कम खाने की सलाह

विनय बिहारी सिंह

अमेरिका में सरकार ने तमाम रेस्टोरेंटों और खाद्य पदार्थ बनाने वालों को एक आग्रह भेजा है कि अगले पांच सालों में प्रत्येक खाद्य पदार्थ में नमक की मात्रा २५ प्रतिशत तक कम कर दी जानी चाहिए। यह लोगों के रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है। कहा गया है कि नमक को एकबारगी २५ प्रतिशत कम कर देने से ग्राहकों को तुरंत पता चल जाएगा। इसलिए इसकी मात्रा धीरे- धीरे कम करना ठीक रहेगा। पहले इसी तरह का आग्रह अमेरिकी सरकार ने ट्रांस फैट के लिए किया था। जब देखा कि आग्रह से काम नहीं चल रहा है तो कानून बना दिया। सरकार का कहना है कि ट्रांस फैट से लोगों में मोटापा तो बढ़ता ही है, शरीर में नाना प्रकार की व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं और जीवित रहना अपनी लाश को ढोने जैसा हो जाता है। इसलिए हर रेस्टोरेंट, बेकरियां और खाद्य पदार्थों को बनाने वाले ट्रांस फैट का इस्तेमाल बंद कर दें। हमारे यहां ट्रांस फैट का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि जो नमकीन, भुजिया या समोसे आप खा रहे हैं वह किस घी या तेल में बना है। हमारे यहां तो इसे चेक करने वाली कोई एजंसी नहीं है। अगर है भी तो वह कहीं नजर नहीं आती। लापरवाही और भ्रष्टाचार का आलम यह है कि आप कहीं भी कुछ खाइए तो अपने रिस्क पर। सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगी। लेकिन अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों के हितों पर लगातार नजर रखती है। अगर हमें पश्चिमी देशों की नकल करते हैं तो उनकी अच्छाइयां ग्रहण करनी चाहिए। साफ सफाई, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और जवाबदेही के प्रति यूरोपीय देश ज्यादा कारगर हैं।
एक संत की सीख- परसो एक सन्यासी ने कहा कि ध्यान उन्हीं लोगों का ठीक से नहीं लगता जो सांसारिक मोह में फंसे रहते हैं। जो यह जानते हैं कि यह संसार नहीं भगवान ही हमारे काम आएंगे, उनका ध्यान खूब बढ़िया लगता है। वे कई घंटे एक ही पोज में बैठे रह जाते हैं और ईश्वर से संपर्क का आनंद लेते हैं। परमहंस योगानंद ने कहा है- आंखें बंद कीजिए और संसार को भूल जाइए। ईश्वर आपसे बातचीत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कितनी सुंदर बात है।

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत आभार!!