Tuesday, March 24, 2009

कैसा है वृहस्पति ग्रह



विनय बिहारी सिंह


वैसे तो सभी ग्रहों का अपना महत्व है, लेकिन ज्योतिष में वृहस्पति ग्रह अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैग्यानिक भी इसे इसलिए महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि पृथ्वी से वृहस्पति का मैग्नेटिक फील्ड या चुंबकीय ताकत १४ गुना ज्यादा है। सूर्य से यह ग्रह ७७८ मीलियन किलोमीटर दूर है। चंद्रमा और शुक्र के बाद सर्वाधिक चमकने वाला ग्रह यही है। वृहस्पति पर हाइड्रोजन (९०- ९२ प्रतिशत) और हीलियम (१२ प्रतिशत) का प्राधान्य है। वैसे हीलियम के एटम हाइड्रोजन से चार गुना बड़े होते हैं। नासा ने वृहस्पति ग्रह के बारे में जानने के लिए २००७ में न्यू होराइजंस उपग्रह भेजा है। सन २०११ तक नासा जूनो नाम का उपग्रह भेजने वाला है जो वृहस्पति के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। इसके पहले इस ग्रह पर वोएगर, गैलीलियो आर्बिटर नामक उपग्रह जा चुके हैं। वृहस्पति अमोनिया क्रिस्टल के बादलों से ढंका हुआ है। अंदाजा लगाया गया है कि ये बादल अमोनिया हाइड्रो सल्फाइड हैं। ज्योतिष में जब लड़कियों की शादी के बारे में विचार करना होता है तो वृहस्पति पर नजर डाली जाती है। यह ग्रह कहां है, किस राशि में बैठा है और इसका प्रभाव क्या है। ज्योतिष में यह ग्रह अत्यंत शुभ और जीवन की दिशा बदल देने वाला है। कई लोगों के जीवन में तो यह आमूल परिवर्तन कर डालता है। लेकिन अगर विपरीत हुआ तो कष्ट भी देता है। इस ग्रह को लेकर मेरे मन में हमेशा से उत्सुकता रही है। इसके प्रभावों पर अभी भी मैं अध्ययन कर रहा हूं। यह ग्रह इतना रोचक है कि उत्सुकता बढ़ती ही जाती है। महिलाएं मंगलदायी माहौल के लिए वृहस्पति व्रत करती हैं और वृहस्पति कथा पढ़ती हैं। उस दिन कुछ महिलाएं पीले वस्त्र औऱ पीली वस्तुओं का सेवन भी करती हैं।