Saturday, March 21, 2009

मंगल ग्रह और हनुमान जी



विनय बिहारी सिंह


मंगल ग्रह को लेकर सबके भीतर भारी उत्सुकता रहती है। इसे रेड प्लैनेट यानी लाल ग्रह कहा जाता है। दरअसल यह आयरन आक्साइड के कारण लाल दिखता है। नासा ने १९६४ में पहली बार मंगल ग्रह पर मेरिनर- ४ भेज कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था। हाल ही में फिनिक्स लैंडर ने जो तस्वीर भेजी उससे वैग्यानिकों को पक्का विश्वास हो गया कि मंगल ग्रह पर जल था। इससे ये अनुमान लगाए गए कि वहां भी जीवन रहा होगा। रोचक बात यह भी है कि मंगल ग्रह को हम पृथ्वी से नंगी आंखों से देख सकते हैं.। मंगलवार को भगवान हनुमान के मंदिर में भारी भीड़ रहती है। इसी तरह काली मंदिर में भी मंगल और शनि को भीड़ होती है। हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वे मंगलवार को ही जन्मे थे। यह तो तय है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा के पाठ से कल्याण होता है। यह बात सिद्ध है। मंगल ग्रह पर अल्कलाइन, मैग्नीसियम, सोडियम, पोटेसियम, क्लोराइड वगैरह रसायन पाए गए हैं। गैसों में कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रोजन और आक्सीजन पाया गया है। कुछ वैग्यानिकों का कहना है कि वहां मीथेन गैस भी पाई गई है। मंगल ग्रह सूर्य से २३० मीलियन किलोमीटर दूर है। जब सूर्य मंगल के करीब आता है तो वहां आंधी आती है। अगर किसी का मंगल ग्रह कमजोर है तो उसे मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करने को कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा तो फायदा यही है कि इससे भगवान राम प्रसन्न होते हैं औऱ जब सृष्टि के रचयिता ही प्रसन्न हों तो फिर उस आदमी को सबकुछ मिल जाता है। हनुमान जी उच्च कोटि के संत हैं। उन्हें खुद के लिए कुछ नहीं चाहिए। वे तो बस अपने औऱ राम जी के भक्तों के लिए कल्याण करते रहते हैं। वे दरिया दिल हैं। सिर्फ जल चढ़ा दीजिए तो भी वे प्रसन्न हैं। अगर जल नहीं चढ़ा पाए, थोड़ी देर उनके सामने खड़े होकर दिल से उन्हें पुकार दिया तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। और सिर्फ वही नहीं प्रसन्न होते, भगवान राम भी प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी परम कल्याणकारी हैं। एक बार उनकी सच्ची अराधना करके तो देखिए।