Thursday, March 12, 2009

देखना चाहता हूं तुम्हें साकार



विनय बिहारी सिंह



प्रभु
मैं जानता हूं
तुम हो साकार
और
निराकार भी
पर, चूंकि
तुमने मुझे बनाया है साकार
इसलिए मुझे दर्शन दो
साकार रूप मे ही
चाहे कृष्ण, शिव या जगन्माता
कुछ भी बन कर आओ
भगवन, कब दोगे दर्शन।
बिना दर्शन मैं
नहीं छोड़ूंगा प्रार्थना, जाप और
रिरियाना।।