Saturday, March 14, 2009

क्यों पवित्र है तुलसी का पेड़


विनय बिहारी सिंह

हिंदू धर्म में तुलसी का पेड़ लगाना और उसकी पूजा करना शुभ माना जाता है। इसकी खास वजह है। अगर आपके आंगन में तुलसी का पौधा है तो आपका घर कई रोगाणुओं और विषाणुओं ( बैक्टीरिया व वाइरसों) से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा अगर आप अक्सर तनाव में आ जाते हैं तो हर रोज छोटे कप का चौथाई भाग तक तुलसी के पत्तों का रस पीएं। बहुत फायदा होता है। आप अगर रोज विचित्र विचित्र सपने देखते हैं तो आपको रोज एक मुट्ठी तुलसी का पत्ता खाएं। खासतौर से रात के भोजन के बाद। आपका पेट तो साफ होगा ही, बुरे सपने आने बंद हो जाएंगे। पुराने समय में ऋषियों के आश्रमों में इसीलिए तुलसी और नीम के पेड़ अवश्य होते थे। इसके अलावा अश्वत्थ का पेड़ भी अवश्य रहता था। अगर आपको जुकाम के कारण हल्का बुखार है तो अदरक और तुलसी के पत्तों की चाय जबर्दस्त फायदा करती है। यही नहीं, सूखे तुलसी के पौधों की धूनी जलाना भी बहुत फायदेमंद होता है। इससे एक तो आपके कमरे का नकारात्मक माहौल खत्म हो जाता है और कमरे के भीतर मानो एक नई ऊर्जा आ जाती है, जिसे उसमें रहने वाले महसूस कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे- यह धूनी एक सीमा के भीतर हो। बहुत धुंआ आपको परेशान कर सकता है। इसलिए तुलसी के सूखे तने की एक दो डंडी जला कर ही धूनी कीजिए। अगर आप तुलसी के चार- छह पत्तों को रोज ब्रश करने के बाद चबाएं तो आपके मुंह से दुर्गंध ही नहीं आएगी। जो लोग पान खाना छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए तुलसी के पत्ते चबाना रामबाण का काम करेगा। पान की लत छूट जाएगी और आपके स्वास्थ्य के लिए तुलसी के पत्ते अमृत का काम करेंगे। जहां तुलसी वन हैं, वहां के संत वन के आसपास ही अपना आश्रम बनाते हैं ताकि तुलसी से स्पर्श करती हवा उन्हें मिले और वे आध्यात्मिक साधनाएं निश्चिंत हो कर कर सकें।

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