Wednesday, October 21, 2009

ठीक हो सकती है भूलने की बीमारी

विनय बिहारी सिंह


हां, कई लोगों को भूलने की बीमारी होती है। अभी आपने उन्हें अपना नाम बताया, लेकिन दो मिनट बाद वे भूल गए और फिर पूछ बैठे- आपका शुभ नाम क्या है? या आपने उन्हें बताया कि आपकी आवेदन पत्र संख्या या शिकायत संख्या यह है। लेकिन घर जाने के रास्ते में ही वे संख्या भूल गए। जिस कागज पर उन्होंने नोट किया था, उसे भी खो दिया। या आपने किसी डाक्टर का नाम बताया और वे आधे घंटे के अंदर डाक्टर का नाम ही भूल गए। सिर्फ इलाके का नाम याद रहा। आपने ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा। वैग्यानिकों ने कहा है कि आप ऐसी हालत में कोई पुरानी ऐसी बात याद करने की कोशिश कीजिए जो आप भूल चुके हैं। दूसरा उपाय- कुछ पहेलियों के हल खोजिए। तीसरा उपाय- घरेलू हिसाब- किताब को जबानी जोड़ने- घटाने की कोशिश कीजिए। लेकिन मेसाचुसेट्स के वैग्यानिकों ने एक प्रयोग किया है- उन्होंने उड़ने वाले एक चूहे के दिमाग को एक खास तरह से दीप्त या प्रकाशित कर दिया। देखा गया कि उस चूहे की याददाश्त तेज हो गई। तब वैग्यानिकों को लगा कि अगर रोज कुछ न कुछ याद करने की कोशिश की गई तो यह अभ्यास आपकी मदद कर सकता है। आप कह सकते हैं कि ऐसा तो आम जीवन में रोज ही होता है कि हम कुछ न कुछ याद करने की कोशिश करते हैं। नहीं। आप अभ्यास के तौर पर ऐसा कीजिए और नियमित कीजिए। तब इसका परिणाम आएगा। हड्डियों कैसे मजबूत बनाएं- लगभग ५० साल की उम्र होने के बाद आदमी की ह़ड्डियां कमजोर होने लगती हैं। कुछ लोगों की हड्डियां तो इतनी कमजोर होती हैं कि अगर बाथरूम में गिर गए तो पैर या कूल्हे की हड्डी तक टूट जाती है। वैग्यानिकों ने कहा है कि इसके लिए ५० की उम्र पार कर चुके हर आदमी को बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट करा लेना चाहिए। यानी इस बात की जांच करा लेनी चाहिए कि उनकी हड्डी में सभी मिनरल यानी तत्व संतुलित मात्रा में हैं कि नहीं। क्या कैल्शियम ठीक है? वगैरह वगैरह। लेकिन हड्डी मजबूत रहे इसके लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। यह बात सिद्ध हो चुकी है कि जो लोग नियमित व्यायाम करते हैं, उनकी हड्डियां मजबूत रहती हैं।

5 comments:

अनुनाद सिंह said...

अत्यन्त उपयोगी जानकारी।

(इस लेख को कम से कम दो अनुच्छेदों में लिखते तो अधिक स्पष्त और सुवाच्य होता)

Mishra Pankaj said...

upyogee jaankaaree , aapke paas to bahut acche khabar rahaye hai...
vinay jee kabhee hamaare blaag par bhee aaiye ,
aapkee charchaa hui hai vahaa

शरद कोकास said...

भई यह बीमारी तो हमारे नेताओ को बहुत है एक बार वोट लेकर चले जाते है फिर रास्ता ही भूल जाते है । अच्छी और महत्वपूर्न जानकारी के लिये धन्यवाद

संगीता पुरी said...

एपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए धन्‍यवाद !!

Udan Tashtari said...

बहुत काम की जानकारी.