courtesy- BBC Hindi service
कैप्लर -16 बी पर जब दिन ख़त्म होता है तो वहाँ पर दो सूर्यास्त होते हैं.
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की है कि उसने एक ऐसे ग्रह को खोज निकाला है जिसकी कक्षा में एक नही बल्कि दो सूर्य हैं.
नासा की शक्तिशाली दूरबीन कैप्लर से देखे गए अंतरिक्ष के अविश्वसनीय दृश्य और इस ग्रह की तुलना हॉलीवुड की उस काल्पनिक फ़िल्म स्टार वॉर के टैटूइन ग्रह से की जा सकती है, लेकिन इस ग्रह पर जीवन की संभावना नहीं दिखती.
इसका नाम कैप्लर -16 बी रखा गया है. माना जा रहा है कि ये ग्रह भी शनि की तरह ही ठंडी गैसों से बना है.
ये नया ग्रह पृथ्वी से लगभग 200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है.
हांलाकि इस तरह के संकेत इससे पहले भी मिल चुके हैं कि ग्रहों के दो सू्र्य एक ही कक्षा में हो सकते हैं, पर इस नई खोज से इसकी पुष्टि पहली बार हुई है.
इसका मतलब ये हुआ कि कैप्लर -16 बी पर जब दिन ख़त्म होता है तो वहाँ पर दो सूर्यास्त होते हैं.
कैप्लर -16 बी के दोनों सूर्य पृथ्वी के सूर्य की तुलना में काफ़ी छोटे हैं. पहले का द्रव्यमान पृथ्वी के सूर्य के द्रव्यमान का 69 फ़ीसदी और 20 फ़ीसदी है.
इनका तापमान शून्य से सौ से डेढ़ सौ फारहेनाइट कम यानि माइनस 73 से 101 डिग्री सेल्सियस के आस-पास है.
इस ग्रह की कक्षा में दोनो सूर्य हर 229 दिन के बाद 65 मील की दूरी पर होते हैं.
कैप्लर टेलिस्कोप को 2009 में लगाया गया था ताकि ये पृथ्वी जैसे ग्रहों की आकाश गंगा के दृश्यों को कैद किया जा सके.
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