Tuesday, January 18, 2011

अनंत सुख, अनंत शांति।



विनय बिहारी सिंह


एक व्यक्ति ने संत से पूछा- ईश्वर कहां हैं?
संत ने उत्तर दिया- आपके हृदय में।
प्रश्न- वे महसूस क्यों नहीं होते?
उत्तर- क्योंकि आपका दिमाग चंचल है। जब आप शांत हो कर यानी स्थिर चित्त गहरा ध्यान करते हैं तो आप उन्हें महसूस कर सकते हैं।
प्रश्न- मन स्थिर क्यों नहीं होता?
उत्तर- क्योंकि आपको लगता है आनंद कहीं और है। जबकि आनंद सिर्फ और सिर्फ भगवान में है। सिर्फ आनंद ही नहीं भगवान में शांति और सुख भी है। अनंत सुख, अनंत शांति।
प्रश्न- क्या कभी मन स्थिर होगा?
उत्तर- मन तभी स्थिर होगा, जब आपके भीतर ईश्वर के अलावा और किसी चीज की प्रबल चाहत नहीं होगी। ईश्वर से संपूर्ण प्रेम ही मनुष्य का असली लक्ष्य होना चाहिए। तब मन पूर्ण रूप से शांत और सुखी होगा।

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