रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशियाई लोगों में औसतन पहला दिल का दौरा 53 साल की उम्र में होता है
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत समेत दक्षिण एशिया एक बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक उन लोगों की संख्या ख़ासी बढ़ रही है जो हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं.
विश्व बैंक की रिपोर्ट में पाया गया है कि पूरे दक्षिण एशिया में 55 प्रतिशत मौतें असंक्रामक बीमारियों के कारण हो रही हैं.
'दक्षिण एशिया में असंक्रामक रोगों का सामना' के शीर्षक से बनी रिपोर्ट में दक्षिण एशियाई क्षेत्र में 15 से 69 वर्ष के लोगों में हृदय रोग को मृत्यु का मुख्य कारण बताया गया है.
ये रिपोर्ट बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, मालदीव और श्रीलंका में अध्ययन के बाद तैयार की गई है.
छह साल पहले दिल का दौरा
अनुमान लगाया गया है कि भारत में वर्ष 2030 में होने वाली मौतों का मुख्य कारण हृदय रोग होगा और 36 प्रतिशत मौतें इसके कारण होंगी.
ये स्थिति ग़रीब लोगों के लिए ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि हृदय रोग के बाद ये लोग पूरी ज़िंदगी बीमारी से जुझते हुए गुज़ारते हैं और इसका ख़र्चा अपनी बचत से या फिर संपत्ति को बोचकर निकालते हैं और फिर पूरी तरह से ग़रीबी के जाल में फँस जाते हैं
विश्व बैंक के जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशियाई लोगों में, अन्य लोगों के मुकाबले, पहला दिल का दौरा छह साल पहले होता है.
ये भी पता चला है कि इस क्षेत्र में कुल बीमारी और इससे संबंधित मृत्यु और विकलांगता में लगभग 55 प्रतिशत असंक्रामक रोगों के कारण है.
विश्व बैंक के वरिष्ठ जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ माइकल एंजलगाव के अनुसार, "ये स्थिति ग़रीब लोगों के लिए ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि हृदय रोग के बाद ये लोग पूरी ज़िंदगी बीमारी से जुझते हुए गुज़ारते हैं और इसका ख़र्चा अपनी बचत से या फिर संपत्ति को बोचकर निकालते हैं और फिर पूरी तरह से ग़रीबी के जाल में फँस जाते हैं."
ग़ौरतलब है कि विश्व बैंक ने सभी आठ देशों से अपील की है कि वे इन ख़तरों का सामना करने के लिए समान राय अपनाएँ.
धूम्रपान, कैंसर की समस्या
संस्था के अनुसार यदि धूम्रपान की ओर समान रुख़ नहीं अपनाया जाता तो ये नुक़सानदेह हो सकता है. ग़ौरतलब है कि भारत में पुरुषों में 20 प्रतिशत मौतें धूम्रपान से संबंधित होती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में उच्च रक्तचाप (हाइपर-टेंशन) से ग्रस्त लोगों की संख्या वर्ष 2000 में 11.82 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2025 में 21.35 करोड़ हो जाएगी.
विश्व बैंक के अनुसार भारत में कैंसर के 70 प्रतिशत मामलों की पहचान तब होती है जब बीमारी ख़ासी बढ़ चुकी होती है और इन लोगों को बचाना मुश्किल होता है. इस संस्था के अनुसार दक्षिण एशिया में औसत आयु 64 साल है और लोग ज़्यादा साल जीवित तो रहते हैं लेकिन बेहतर स्थितियाँ, खाना, आमदन, स्वास्थ्य सुविधाएँ जो विकसित देशों में उपलब्ध हैं वो अनेक लोगों को इस क्षेत्र उपलब्ध नहीं हैं.
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