विनय बिहारी सिंह
लंदन की खबर है। छियालीस साल की महिला डेलिया नाक्स २३ साल तक व्हील चेयर पर अपंग का जीवन बिताने के बाद अचानक उठ खड़ी हुई हैं और आराम से चल फिर रही हैं। कैसे? वे कहती हैं- जब एक दु्र्घटना में मेरी कमर के नीचे का हिस्सा अपंग हो गया तो डाक्टरों ने बहुत कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। डाक्टरों ने कहा- अब आपको पूरा जीवन व्हील चेयर पर बिताना होगा, लेकिन हिम्मत रखिए, बहुत से लोग व्हील चेयर पर रहते हैं। डेलिया ने इसे अपनी किस्मत मान ली और व्हील चेयर पर बिठा दी गईँ। जैसे- तैसे जीवन बीत रहा था। तभी एक मित्र ने एक आध्यात्मिक व्यक्ति का पता बताया। मुझे बताया गया कि ईश्वर कृपालु हैं और वे हमें सजा नहीं देते, बल्कि हम खुद ही अपने कर्मों की सजा भुगतते हैं। कार्य और परिणाम के सिद्धांत के मुताबिक। मुझसे कहा गया कि मैं उस आध्यात्मिक व्यक्ति के पास चलूं। लेकिन मैं खुद को तमाशा नहीं बनाना चाहती थी। इसलिए मैंने वहां जाने से इंकार कर दिया। तब मेरे पति वहां जाने लगे। वे उस आध्यात्मिक व्यक्ति के साथ मिल कर भगवान से प्रार्थना करते। कभी- कभी तो मेरे पति मेरे स्वास्थ्य के लिए कई- कई घंटे तक प्रार्थना करते। इस तरह कई साल बीत गए। एक दिन अचानक ईश्वर ने मेरे कानों में कहा- उठो, उठ कर चलो। तुम स्वस्थ हो गई हो। और मैं सचमुच उठ खड़ी हुई। मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। अब मैं सामान्य आदमी की तरह चल फिर सकती हूं। हां, इतना जरूर कह सकती हूं कि भगवान में मेरा विश्वास था। मैं मानती रही हूं कि ईश्वर की कृपा मनुष्य के ऊपर बरसती है। बस मनुष्य को ईश्वर के साथ खुद के दिमाग को ट्यून करना पड़ता है। आज तो मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि ईश्वर है और उसकी मर्जी के बिना कुछ नहीं हो सकता। न रात होगी, न दिन होगा और न जीवों की सांस चलेगी।
ईश्वर हम सबका कल्याण करें।
(मित्रों, क्रिसमस का त्यौहार आ गया। इस ब्लाग पर आप जल्दी ही जीसस क्राइस्ट के संबंध में एक छोटा सा भक्तिपूर्ण लेख पढेंगे)
1 comment:
Good one:)) Thnx a lot Vinay Bihari ji
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