संगीत ने कर दिया चमत्कार
विनय बिहारी सिंह
घटना तिरुवनंतपुरम की है। एक लड़की खेलते समय बेहोश हो गई और कोमा में चली गई। वहां के डाक्टरों ने उस पर एक प्रयोग किया। लड़की को कृष्ण का एक भजन बहुत पसंद था। लड़की के कान में हेडसेट लगा कर उसका प्रिय भजन दिन- रात बजाया जाने लगा। तीन दिन बाद डाक्टरों ने हेड सेट हटा लिया और स्पीकर से हल्की आवाज में भजन बजाया जाने लगा। दो दिन पहले यानी कोमा में जाने के दो महीने के भीतर ही इस लड़की को अचानक होश आ गया। उसने आंखें खोली और मुस्करा कर सबको देखा। इसे डाक्टर चमत्कार मान रहे हैं। उनका कहना है कि संगीत में कितनी ताकत है, यह एक बार फिर साबित हो गया। हम जब सोते रहते हैं या बेहोश रहते हैं तो भी हमारी सुनने की शक्ति बनी रहती है। भजन की ध्वनि तरंगे लड़की की चेतना में जाती रहीं। डाक्टरों का कहना है कि आमतौर पर ऐसे मामलों में होश नहीं आता। लेकिन इस मामले में चमत्कार हो गया है। विशेषग्यों का कहना है कि ईश्वरीय चेतना में रहने वाला व्यक्ति हमेशा सुरक्षित रहता है। इस लड़की को कृष्ण के भजन बेहद पसंद थे। वह जब भी इन भजनों को सुनती थी, आनंद में डूब जाती थी।
मुझे मुंबई के एक डाक्टर की बात याद आ रही है। इस डाक्टर के गले में कैंसर हो गया। इसका आपरेशन करना था। डाक्टर ने कहा कि मेरे कमरे में दिन रात भजन बजाए जाएं। वही किया गया। आपरेशन के पहले जब जांच की गई तो कैंसर गायब था। अब वही डाक्टर जब अपने मरीजों का आपरेशन करते हैं तो आपरेशन थिएटर में भजन बजाते रहते हैं। मैंने अपनी आंखों से एक अस्पताल के डाक्टर को देखा है जो आपरेशन के पहले भगवान श्रीकृष्ण की अस्पताल में लगी मूर्ति के सामने जाकर श्रद्धा से प्रणाम करते हैं। वे इस अस्पताल के मालिक भी हैं। मुझे एक सिद्ध सन्यासी की बात
याद आती है जिन्होंने कहा था- इवरीथिंग इज पासिबुल, इफ यू हैव फुल फेथ इन गॉड.
2 comments:
बिल्कुल सही कहा बस विश्वास मे ही तो बसता है वो।
रोचक पोस्ट लिखी है। आभार।
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