सोचने से ही खुल जाएगा कंप्यूटर
विनय बिहारी सिंह
वैग्यानिक ऐसा कंप्यूटर बनाने जा रहे हैं जिसके लिए माउस की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। वह आपके सोच के हिसाब से चलेगा। मान लीजिए आप गूगल का सर्च इंजन चाहते हैं तो बस उसके बारे में सोचिए। बस, तुरंत आपके कंप्यूटर के स्क्रीन पर गूगल आ जाएगा। वैग्यानिक मनुष्य के सोच के पैटर्न को माप रहे हैं। यानी मनुष्य आमतौर पर कंप्यूटर पर बैठने के बाद क्या- क्या खोजता और देखता है, कौन से ई मेल ज्यादातर खोले जाते हैं इसका तहकीकात कर रहे हैं। इसके बाद यह संवेदनशील कंप्यूटर तैयार कर दिया जाएगा। आप जी मेल या याहू मेल खोलना चाहेंगे और वह आपके सोचने भर से अपने आप खुल जाएगा। फिर आप सोच कर ही यूजर्स नेम में ई मेल एड्रेस भरिए और फिर पासवर्ड। आपका ई मेल खुल जाएगा। जो काम पुराने समय में ऋषि करते थे उसका आधा भी यह नहीं है। हमारे ऋषि तो एक सेकेंड में पूरे ब्रह्मांड में एक जगह से दूसरी जगह पर चले जाते थे। वे अगर कश्मीर में हैं तो कन्याकुमारी जाने में एक सेकेंड लगता था। या एक ही समय में वे दो जगहों पर उपस्थित हो सकते थे।
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