'भारत-पाक' बैक्टीरिया
पर सख़्त निगरानी
ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने भारत और पाकिस्तान में पाए जाने वाले एक नए किस्म के बैक्टीरिया - सुपरबग - की विश्व भर में सख़्त निगरानी का आहवान किया है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस बैक्टीरिया पर कारगर माने जाने वाले एंटी-बायोटिक्स काम नहीं करते और अब ये ब्रिटेन के अस्पतालों में भी दाख़िल हो गया है.
मेडिकल पत्रिका लैंसेट में छपे एक अध्ययन में कहा गया है कि ब्रिटेन में ये बैक्टीरिया उन मरीज़ों के साथ आया है जो भारत या पाकिस्तान में कॉस्मेटिक सर्जरी जैसे उपचार करवा कर लौटे हैं.
मेडिकल पत्रिका लैंसेट के अनुसार ये बैक्टीरिया एनडीएम-1 नाम के एंज़ाइम को बनाता है और इस पर शक्तिशाली एंटी-बायॉटिक्स असर नहीं करते.
बैक्टीरिया का ख़ौफ़
- भारत और पाकिस्तान से इलाज करवा कर आए मरीज़ ज़्यादा प्रभावित
- बैक्टीरिया एनडीएम-1 नामक एंज़ाइम को पैदा करता है
- एनडीएम-1 पर एंटी-बायॉटिक्स का असर नहीं
- ब्रिटेन में अब तक 50 मरीज़ प्रभावित
- अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स में भी पाए गए कुछ मामले
जिन 37 संक्रमित मरीज़ों का अध्ययन किया गया उनमें 17 पिछले एक साल के भीतर भारत या पाकिस्तान के दौरे से लौटे थे. इन मरीज़ों में से 14 भारत या पाकिस्तान के अस्पतालों में कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए दाख़िल हुए थे.
ब्रिटेन में अबतक 50 मरीज़ इससे प्रभावित पाए गए हैं. पत्रिका के मुताबिक इस बैक्टीरिया से लड़ने के लिए सख़्त निगरानी और नई दवाओं की ज़रुरत है.
‘एंटी-बायॉटिक्स का असर नहीं’
एनडीएम-1 एंज़ाइम अलग-अलग बैक्टीरिया के अंदर प्रवास कर सकता है जिस कारण ये कार्बापेनेम्स जैसे सबसे ताक़तवर एंटी-बायॉटिक्स से भी काबू में नहीं आता.
जानकारों को डर है कि एनडीएम-1 अब अन्य प्रकार के बैक्टीरिया में प्रवेश कर सकता है जो पहले से ही कई किस्म के एंटी-बायॉटिक्स से प्रतिरोध विकसित कर चुके हैं.
और आख़िर में ये ऐसा संक्रमण पैदा कर सकता है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलेगा. ऐसी स्थिती में इसका उपचार लगभग असंभव हो जाएगा.
एनडीएम-1 के संक्रमण के कुछ उदाहरण अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स से भी सामने आए हैं. अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ता कह रहे हैं कि एनडीएम-1 एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या का रुप धारण कर सकता है.
ब्रिटेन के अस्पतालों में ये संक्रमण एक मरीज़ से मरीज़ तक पहुंचना शुरु हो चुका है. विशेषज्ञों के मुताबिक जो भी मरीज़ इससे प्रभावित हैं उन्हें अन्य मरीज़ों से तुरंत अलग कर देना होगा.
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