विनय बिहारी सिंह
एक बार फिर प्रमाणित हो गया कि इच्छा शक्ति अगर मजबूत हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है। असम के महादेव डेका का २००२ में हृदय का आपरेशन हुआ। ओपेन हर्ट सर्जरी। वे शरीर सौष्ठव में नाम कमा रहे थे। तभी हृदय रोग हो गया। उनके दिल का आपरेशन हुआ। तीन महीने तक महादेव आराम करते रहे। लेकिन उनकी तमन्ना थी कि शरीर सौष्ठव में पूरे विश्व में नाम कमाएं। उनकी इच्छा शक्ति मजबूत होती गई। एक दिन उन्हें लगा कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है। उन्होंने डाक्टरों से सलाह ली। डाक्टरों ने जांच के बाद पाया कि महादेव पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने व्यायाम की इजाजत दे दी। बस फिर क्या था। वे कड़ी मेहनत करने लगे और विश्व चैंपियनशिप को अपनी मुट्ठी में कर लेने की ठान ली। हाल ही में फ्लोरिडा में हुए विश्व चैंपियनशिप में वे मिस्टर यूनिवर्स चुन लिए गए हैं। यह असम के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए सुखद है। जब महादेव से पूछा गया कि जब उनके दिल का आपरेशन हुआ तो क्या उन्होंने अपने कैरियर का अंत समझ लिया था, क्या वे निराश हो गए थे? महादेव ने कहा- नहीं। मैंने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मुझे मिस्टर यूनिवर्स बनना है। जब आप किसी चीज के लिए दीवाने हो जाते हैं तब फिर आपको दिन रात वही चीज दिखाई देती है। महादेव ने कहा- मैं खूब पौष्टिक भोजन करता था और जम कर व्यायाम करता था। मेरे शरीर की मांसपेशियां जब फुलाने पर पूरी तरह फूलने लगीं तो मुझे लगा कि अब मुझे कोई रोक नहीं सकता। मैं बहुत खुश और आत्मविश्वास से भरा हुआ था। मेरे मन में एक ही बात बार- बार घूम रही थी- मैं मिस्टर यूनिवर्स होने जा रहा हूं। और मेरे आत्मविश्वास ने यह कमाल कर दिखाया। दरअसल अभ्यास के साथ आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। यह तभी पैदा हो सकता है जब आपकी इच्छा शक्ति मजबूत हो। इच्छा शक्ति यानी विल पावर। विल पावर कमजोर हो तो मनुष्य किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता। एक अन्य खिलाड़ी ने आगे बढ़ कर कहा- ईश्वर में भरोसा हो तो विल पावर बढ़ता है। यह सच भी है। अगर ईश्वर आपके साथ हैं तो आपका विल पावर बढ़ेगा। ईश्वर सर्वशक्तिमान हैं। उन पर भरोसा न करें तो और किस पर करें।
3 comments:
प्रेरक पोस्ट।
प्रेरणादायी!!
विनय जी,
आप इतना प्रेरक लिखते हैं कि आपके ब्लॉग नियमित पाठक बन गया हूं। इच्छा शक्ति और आत्मबल बढ़ाने में आपका ब्लॉग भी सहयोगी है
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