विनय बिहारी सिंह
तो आखिर इंग्लैंड के विशेषग्यों ने वह रोबोट तैयार कर ही दिया जो सामने पड़ते ही यह बता देगा कि अमुक व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है। इसे सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अगर किसी कक्ष में मीटिंग चल रही है और रोबोट अचानक वहां आकर सभी लोगों के मन के विचार पढ़ ले तो इससे मीटिंग करने वालों को सुविधा होगी। रोबोट सिर्फ विचार नोट ही नहीं करता बल्कि वह उसे कंप्यूटर में फीड भी कर देता है। वह ऐसे तमाम तरह के डाटा कंप्यूटर में स्टोर करता रहता है जिससे कंपनी या संस्थान के लोगों को काफी मदद मिलती रहती है। कई कंपनियां तो यह भी सोच रही हैं कि वे अपने आफिसों के रिसेप्शन में ही एक रोबोट बैठा दें ताकि हर आने- जाने वालों का दिमाग स्कैन होता रहे। कुछ लोगों का विचार है कि इन रोबोटों को अपने घर में रखना चाहिए ताकि हर आने- जाने वालों के दिमाग को पढ़ कर हमें बता सके। मान लीजिए कोई आदमी घर में आया और आपके गेस्ट रूम में बैठा। इसी बीच आपने उस व्यक्ति को पानी इत्यादि पिला कर अपने कंप्यूटर पर बैठे और देख लिया कि रोबोट ने इस आदमी के बारे में आपको क्या बताया है। अब जब आपने इस आदमी के मन की बात जान ली तो आपको उससे बातचीत करने में सुविधा होगी। अगर उसके दिमाग में कोई विध्वंसक विचार चल रहे हैं तो आप उसे तुरंत अपने घर से चलता कर देंगे और उसे संकेत भी दे देंगे कि उसे दुबारा आपके घर आने की जरूरत नहीं है। इतना तक तो ठीक है लेकिन विशेषग्यों ने कहा है कि इस रोबोट को और ज्यादा विकसित करना है। उनका कहना है कि जब तक रोबोट इस लायक नहीं बनाया जाता कि वह किसी आदमी के बारे में बता सके कि वह पूरे दिन क्या- क्या करने वाला है, तब तक यह सफलता अधूरी ही कही जाएगी। लेकिन लोगों का कहना है कि वह सिर्फ दिमाग पढ़ कर ही बता दे कि कि सामने वाला आदमी क्या करने की सोच रहा है, बस काम बन जाएगा। आखिर यह रोबोट काम कैसे करता है? दरअसल इस रोबोट में इस तरह का प्रोग्रामिंग फीड किया गया है जो मनुष्य की तमाम सोच प्रणालियों को संवेदनशील ढंग से पकड़ लेता है। मन में चल रहे पैटर्न से ही वह रोबोट जान लेता है कि इस आदमी की मंशा क्या है। वह तुरंत कंप्यूटर में इस बात को फीड कर देता है। रोबोट का मालिक कंप्यूटर के जरिए चुपचाप किसी व्यक्ति के बारे में जान लेता है। यह इतने गुपचुप तरीके से होता है कि जिसके बारे में जासूसी की जा रही है, वह शक भी नहीं करता औऱ उसके बारे में सारी जानकारी मिल जाती है। हमारे ऋषियों को तो यूं ही मालूम हो जाता था कि अमुक व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है। उनकी चेतना इतनी विकसित होती थी कि उन्हें किसी रोबोट की जरूरत नहीं पड़ती थी। आज भी तमाम माइंड रीडर अपना व्यवसाय चला ही रहे हैं। लेकिन उनकी माइंड रीडिंग कई बार गलत हो जाती है। हमारे ऋषियों से लेकिन गलती नहीं होती थी क्योंकि उनका दिमाग इतना केंद्रित होता था कि वे सेकेंड भर में सामने खड़े या बैठे व्यक्ति का दिमाग पढ़ लेते थे। यही नहीं वे तो सुदूर बैठे किसी व्यक्ति का दिमाग भी पढ़ लेते थे। उनकी एकाग्रता बेजोड़ थी। वे कहते थे कि जो भी एकाग्रचित्त होगा, यह गुण उसमें आ जाएगा। इसे कई लोग सिद्धि भी कहते हैं। आज भी बहुत कम सही, लेकिन लोग हैं जो गहरे ध्यान में उतरते हैं और आगम का ग्यान उन्हें स्वतः ही हो जाता है। मुख्य बात है मन की गहरी एकाग्रता।
2 comments:
बहुत बढिया समाचार सुनाया आपने, मन खुश होगया।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
yah bhi khoob rahi sir !
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