विनय बिहारी सिंह
कहने की जरूरत नहीं कि पहले की तुलना में आजकल मानसिक तनाव ज्यादा हावी होने लगा है। वजह है कि बहुसंख्यक लोगों का जीवन पटरी पर नहीं है। आर्थिक तनाव तो मुख्य कारण है ही, असुरक्षा का भय भी एक कारण है। भय यह कि क्या पता नौकरी कब चली जाए। आर्थिक मंदी के नाम पर कई कंपनियों अपने अनेत कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। जो बचे हैं उनकी नौकरी भी कितनी सुरक्षित है, कहा नहीं जा सकता। इसके अलावा कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का वेतन घटा दिया है। जो २० हजार रुपए प्रति माह वेतन पाते थे, उन्हें सिर्फ १२ हजार रुपए प्रति महीने वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा भी जीवन की हजार हजार समस्याएं हैं। इसे ही लेकर एक प्रबंधन ने कुछ चुने हुए लोगों की बैठक बुलाई थी। उसमें मुझे भी हिस्सा लेने का मौका मिला था। प्रबंधन ने हम सबसे पूछा था कि ऐसा क्या किया जाना चाहिए कि कर्मचारियों में जोश भरा जा सके और उनकी घट रही कार्य क्षमता को बूस्ट किया जा सके (बढ़ाया जा सके)। कई तरह के सुझाव आए। एक सुझाव यह आया कि कर्मचारियों की छंटनी से बाकी बचे कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता है। वे १० घंटे के बजाय १४ घंटे काम करते हैं। उनका वेतन भी कम कर दिया गया है। इसलिए उनके दिमाग में यह बात डाली जानी चाहिए कि उनकी नौकरी सुरक्षित है औऱ जैसे ही आर्थिक मंदी खत्म होगी, उनका वेतन तत्काल बढ़ा दिया जाएगा। दूसरा सुझाव यह आया कि आदमी को मशीन बना कर उसे बहुत दिनों तक फैक्ट्री की तरह चलाया नहीं जा सकता। अगर उससे रचनात्मक काम करवाना है तो उसे थोड़ी सी राहत देनी होगी। मेरा सुझाव था कि कर्मचारियों के लिए कार्यालय में ही एक घंटे का योग और ध्यान का कार्यक्रम रखा जाए। इस सुझाव को सबने पसंद किया औऱ प्रबंधन ने इस काम को अगले हफ्ते से लागू करने का फैसला किया है। हमारे ऋषि मुनियों ने कहा है कि जब तक हम भौतिकता की दौड़ में भगवान को छोड़ कर दौड़ते रहेंगे, हमारा जीवन तनाव से भरा रहेगा। एक बार अपनी समस्याएं भगवान को सौंप कर शुद्ध मन से ईश्वर का हाथ पकड़िए औऱ जम कर मेहनत कीजिए। आपकी सफलता को कोई रोक नहीं सकता। आपका तनाव तत्काल खत्म हो जाएगा क्योंकि आप जानते हैं कि आपकी रक्षा भगवान कर रहे हैं। लेकिन यह समर्पण या ध्यान या जाप आधे मन से नहीं होना चाहिए। बस जब पूजा कर रहे हैं तो उसी में डूब जाइए। जाप कर रहे हैं तो उसी में डूब जाइए। उतनी देर तक भगवान के सिवा कोई सुधि न रहे। तब देखिए कैसे तनाव धीरे- धीरे आपसे दूर होता जाएगा।
No comments:
Post a Comment