Saturday, June 6, 2009

रात को सोने से पहले आत्मविश्लेषण

विनय बिहारी सिंह

कभी कभी जब मनुष्य की मनचाही प्रगति नहीं होती, या कोई काम बिगड़ जाता है तो वह अक्सर भाग्य को दोष दे कर खुद को कोसने लगता है। या अक्सर कुछ लोग ऐसा कहते पाए जाते हैं कि क्या करें भाग्य ही साथ नहीं देता। जबकि हमारे ऋषि- मुनियों ने बार- बार कहा है कि आप खुद अपने भाग्य को बदल सकते हैं। इसमें सिर्फ भगवान से प्रार्थना और सही दिशा में प्रयत्न जरूरी है। यह कैसे होगा? जब आपका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है या आप बार- बार असफल हो रहे हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि आप रोज रात को सोने से पहले आत्मविश्लेषण करें- आज मैंने कौन सा अच्छा और गड़बड़ काम किया। इस तरह एक लिस्ट बनाते जाइए। आप पाएंगे कि जाने- अनजाने कई चीजें आपके सामने आएंगी जिन्हें आप सुधार लें तो सफलता आपके कदम चूमेगी। दूसरी सावधानी यह है कि जिस काम में आप सफल नहीं हो रहे हैं उसके करने के तरीके को बदल दीजिए। हर चीज को बेहतर करते रहने की ललक से ही व्यक्ति आगे बढ़ता है। जो लोग अपने जीवन के तरीके ऊब गए हैं, वे आत्मविश्लेषण नहीं करते। क्योंकि हमारे जीवन में अनंत संभावनाएं हैं। बस धैर्य और सही दिशा में परिश्रम जरूरी है। अब आइए ईश्वर से प्रार्थना वाले प्रसंग पर। सही दिशा में कारगर मेहनत तभी सफल होगी जब आप ईश्वर से लगातार प्रार्थना करेंगे कि हे प्रभु, मुझे सही ग्यान और बुद्धि दीजिए, मेरी मदद कीजिए। अगर आप सच्चे दिल से ईश्वर से प्रार्थना करेंगे तो वे इसका जवाब जरूर देंगे। यह कोई नई बात नहीं है। इसे युगों- युगों से अनेक लोग आजमाते आए हैं। हर आदमी आगे बढ़ना चाहता है और सुखी रहना चाहता है। लेकिन सभी सुखी नहीं हो पाते। इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना और मन को शुद्ध रख कर जाप इत्यादि करते रहना चाहिए। धीरे- धीरे आप पाएंगे कि भगवान आपको उन कठिनाइयों से भी उबार रहे हैं जिनकी तरफ आपका ध्यान नहीं था। आपका रास्ता निष्कंटक, सुखमय और प्रेम की हवाओं से सुगंधित हो जाएगा। लेकिन यह एक दिन में नहीं होगा। मेहनत के साथ भगवान की प्रार्थना बहुत जरूरी है। भगवान हमारा प्यार चाहते हैं औऱ हम यह प्यार आसानी से उन्हें दे सकते हैं। क्यों न यह काम आज से ही करना शुरू करें।

1 comment:

RAJNISH PARIHAR said...

आपने सही लिखा.....लेकिन आज मनुष्य एक बंधी बंधाई जिंदगी जी रहा है...!सच पूछो तो कुछ नया करने की सामर्थ्य उसमे बची ही नहीं है!पर हाँ यदि वह ठान ले तो एक नै शुरुआत तो कर ही सकता है...