Saturday, November 21, 2009

इटली की एक रोचक घटना

विनय बिहारी सिंह


यह घटना मुझे एक सन्यासी ने सुनाई। उनका नाम है स्वामी अमरानंद जी। वे दिन- रात ईश्वर में डूबे रहते हैं और अपने नाम के अनुरूप भगवान के अमर आनंद का रस पीते रहते हैं। उन्होंने बताया- इटली में एक घर में बच्चा पैदा हुआ। इस बच्चे की एक १० साल की बहन थी। बच्चा बहुत प्यारा था। कुछ दिनों बाद इस बच्चे की बहन ने अपने मां- बाप से आग्रह किया कि वह अपने भाई को पास जाकर प्यार करना चाहती है। मां- बाप पहले तो डरे कि कहीं सगे भाई- बहनों के बीच प्यार का बंटवारा होने से यह बच्ची नाराज न हो औऱ अपने भाई को कोई नुकसान न पहुंचा दे। बच्ची ने जब कहा कि वह तो अपने भाई को बहुत प्यार करती है। उसके बाल सुलभ आग्रह के आगे मां- बाप पिघल गए और उसे अपने भाई से मिलने दिया। बच्ची अपने नन्हें से भाई के पास गई औऱ दरवाजा बंद कर दिया। मां- बाप बहुत उत्सुक हुए। वे दरवाजे के फांक से अंदर झांकने लगे। बच्ची अपने भाई के कान के पास मुंह ले गई औऱ बोली- मेरे भाई। भगवान देखने में कैसे लगते हैं? तुम तो ताजा ताजा देख कर आ रहे हो। वे क्या कहते हैं? जरा बताओ। मैं तो बड़ी हो कर भूल गई हूं। बस धुंधली सी याद है। प्लीज भाई, बताओ न। यह कह कर बहन बच्चे को दुलारने लगी। मां- बाप उसकी बातें सुन कर स्तब्ध रह गए। (आज के बाद आपसे ३ दिसंबर को भेंट होगी। तब तक के लिए सबको नमस्कार- विनय बिहारी सिंह।

1 comment:

mehek said...

marmik vakiya,bachhe bhi ishwar ka hi roop hote hai.