विनय बिहारी सिंह
नाइस, विक्स एक्शन ५०० जैसी दवाओं पर अब जाकर केंद्र सरकार की नजर पड़ी है। न जाने कितने वर्षों से लोग इन दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ डाक्टरों की सलाह पर और कुछ बिना सलाह के। विभिन्न अख़बारों से जो सूचनाएं मिली है आज उसी पर चर्चा की जाए। शोध से पता चला है कि साइड एफेक्ट वाली दवाओं से लीवर खराब हो सकता है, पाचन तंत्र गड़बड़ हो सकता है और शरीर में कष्टदायी लक्षण पैदा हो सकते हैं। आज के टाईम्स ऑफ़ इंडिया के अंक में है-- एंटी बायोटिक दवाओं से माताओं के गर्भ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। नतीजा यह होता है कि पैदा होने के पहले ही बच्चा विभिन्न जटिलताओं का शिकार हो जाता है। एक अन्य शोध के मुताबिक यह भी पाया गया है कि ऐसे बच्चे बड़े होकर अनावश्यक तनाव में रहते हैं। विशेषग्यों ने आशंका जताई है कि बिक रही कई दवाओं में घातक साइड एफेक्ट वाली भी हो सकती हैं। उनकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। गांवों और कस्बों में छोटी- मोटी बीमारियों के लिए लोग डाक्टरों से सलाह नहीं लेते। वे जिस- तिस से पूछ कर दवा खरीद लाते हैं और सुबह- शाम खा कर अपने शरीर पर खतरनाक प्रयोग करते रहते हैं। अनेक लोगों का मानना है कि एलोपैथिक दवाएं बगैर साइड एफेक्ट के नहीं होतीं। लेकिन चूंकि उनका तत्काल कुप्रभाव नहीं दिखाई देता, इसलिए लोग उन्हें खाते रहते हैं। लेकिन जब शरीर में इन दवाओं के साइड एफेक्ट के रूप में इकट्ठा विष एक सीमा से ज्यादा हो जाता है तो गंभीर बीमारी बन कर उभरता है। गांव के लोगों का कहना है कि डाक्टरों की फीस इतनी ज्यादा हो गई है कि लोग उनसे सलाह लेने से कांपते हैं। विदेशों की बात अलग है जहां प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। अपने देश में आयुर्वेद की दवाएं प्रचलित थीं। लेकिन एक खास साजिश के तहत उनका प्रचलन कम होता गया औऱ एलोपैथिक दवाओं का बाजार बनाए रखने के लिए उनकी महानता के गुण गाए जाने लगे। अपने यहां जड़ी- बूटियों की भारी संख्या है। जरूरत है उनके जानकारों की और उसके सही उपयोग की। आज भी आदिवासी इलाकों में जड़ी- बूटियों से रोगों को ठीक करने का चलन है। वे लोग पेट इत्यादि के लिए कभी एलोपैथिक दवाएं खाते ही नहीं । यह मैंने अपनी आंखों से देखा है। पेट के लिए तो जडी- बूटियां जादू की तरह असर करती हैं। पेट से ही हजारों रोगों का जन्म होता है। अगर अब भी आयुर्वेद को बढ़ावा मिले तो करोड़ो लोगों को राहत मिलेगी।
1 comment:
जानकारी के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद ।
शायद पिछले सप्ताह इन्ही दवाओं से मैं व मेरे परिवार में साइड इफेक्ट दिखा
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