विनय बिहारी सिंह
कोलकाता महानगर इन दिनों गंभीर रूप से प्रदूषित है। हवा में जो प्रदूषण फैल रहा है उसे विग्यान की भाषा में पार्टीकुलेट मैटर या पीएम कहते हैं। यह पीएम ही शरीर में तमाम तरह की बीमारियां पैदा करता है और मनुष्य की असमय मौत हो जाती है। यह कैसे होता है? आमतौर पर गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले डीजल या पेट्रोल के धुएं से या पावर प्लांट से निकले धुएं वगैरह से। इस पीएम से मनुष्य को कैंसर भी हो सकता है। आखिर पीएम किस चीज का होता है? यह नाइट्रोजन आक्साइड या बेंजीन के खतरनाक कण होते हैं। इससे हड्डी की बीमारी तो होती ही है, हृदय, फेफड़ों, रक्त और मांसपेशियों का रोग भी हो सकता है। कोलकाता में हवा में नाइट्रोजन आक्साइड होना चाहिए ४० माइक्रोग्राम और इस समय वह है ६५ माइक्रोग्राम से भी ज्यादा। इसी तरह बेंजीन की मात्रा होनी चाहिए ५ माइक्रोग्राम लेकिन वह है ३५.६ माइक्रोग्राम। यह आटोमेटिक हाइड्रोकार्बन शरीर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त करता है। डाक्टरों का कहना है कि पीएम भी दो तरह का होता है। पीएम १० और पीएम २.५०। तो पीएम १० फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है औऱ इससे प्रभावित व्यक्ति को कफ से परेशान करता है और गले में खराश रहती है। लेकिन पीएम २.५० और घातक है। यह फेफड़ों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त करता है। एक डाक्टर का कहना है कि बेंजीन और नाइट्रोजन आक्साइड से हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं औऱ हृदय से निकलने वाली इलेक्ट्रिक करेंट कमजोर होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को हृदय रोग का शिकार हो जाता है। ये दोनों खतरनाक तत्व अगर आपके खून में प्रवेश करते हैं और आपको शरीर संबंधी तमाम परेशानियां शुरू हो जाती हैं। जो धूम्रपान नहीं करते उन्हें भी फेफड़ों का रोग धर दबोचता है। इससे बचने का उपाय क्या है? आप अगर महानगर में रहते हैं तो नौकरी या व्यवसाय छोड़ कर अचानक तो जा नहीं सकते। तो जरूरत है पर्यावरण के प्रति सचेत लोगों की जो बार- बार सरकार का ध्यान इधर खींचें। (आज के बाद ३ दिसम्बर को भेट होगी)