पिछले १८ से २४ नवंबर तक योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया (वाईएसएस) की तरफ से आयोजित शरद संगम में हिस्सा लेना मेरे लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा। इस दौरान मैंने विभिन्न सत्संगों में हिस्सा लिया, गुरुदेव परमहंस योगानंद पर केंद्रित वीडियो फिल्म देखी, क्रिया दीक्षा समारोह में हिस्सा लिया और विभिन्न देशों के लोगों से मिला। इनमें से अमेरिका के इनसिनीटास के ब्रायन के साथ मुलाकात यादगार रही। ब्रायन महज २२ साल के हैं। लेकिन गहरे आध्यात्मिक हैं। वे कहते हैं- जीवन में ईश्वर को पाने के लिए साधना करना ही महत्वपूर्ण है। बाकी सारे काम सेकेंड्री हैं। वे हर आध्यात्मिक कार्यक्रम में भारी उत्साह से हिस्सा लेते थे। आते समय मुझसे मिलने के लिए शीत और ठंड में खड़े रहे। एक गुरुभाई का इतना प्रेम, इतना लगाव पाकर मैं धन्य हुआ। उन्होंने मुझे अपना संपर्क नंबर और ईमेल दिया। वे कुछ सिद्ध संतों से मिल चुके हैं। उनसे मुलाकात का वर्णन सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा। हम आश्रम में देर तक साधु- संतों के बारे में बातें करते रहे।
Thursday, November 29, 2012
सुखद रहा शरद संगम
पिछले १८ से २४ नवंबर तक योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया (वाईएसएस) की तरफ से आयोजित शरद संगम में हिस्सा लेना मेरे लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा। इस दौरान मैंने विभिन्न सत्संगों में हिस्सा लिया, गुरुदेव परमहंस योगानंद पर केंद्रित वीडियो फिल्म देखी, क्रिया दीक्षा समारोह में हिस्सा लिया और विभिन्न देशों के लोगों से मिला। इनमें से अमेरिका के इनसिनीटास के ब्रायन के साथ मुलाकात यादगार रही। ब्रायन महज २२ साल के हैं। लेकिन गहरे आध्यात्मिक हैं। वे कहते हैं- जीवन में ईश्वर को पाने के लिए साधना करना ही महत्वपूर्ण है। बाकी सारे काम सेकेंड्री हैं। वे हर आध्यात्मिक कार्यक्रम में भारी उत्साह से हिस्सा लेते थे। आते समय मुझसे मिलने के लिए शीत और ठंड में खड़े रहे। एक गुरुभाई का इतना प्रेम, इतना लगाव पाकर मैं धन्य हुआ। उन्होंने मुझे अपना संपर्क नंबर और ईमेल दिया। वे कुछ सिद्ध संतों से मिल चुके हैं। उनसे मुलाकात का वर्णन सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा। हम आश्रम में देर तक साधु- संतों के बारे में बातें करते रहे।
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1 comment:
हमे भी अपने अनुभवों से अवगत कराकर शामिल किया हार्दिक आभार ऐसे सत्संग होते रहने चाहियें।
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