Saturday, May 9, 2009

शुद्ध हृदय हो तो ईश्वर का पल- पल अहसास

विनय बिहारी सिंह

रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे कि शुद्ध हृदय हो तो ईश्वर के होने का पल- पल अहसास होता है। लेकिन अगर हृदय अशुद्ध है तो यकीन ही नहीं होता कि ईश्वर है। एक बार एक संत कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले थे। उन दिनों वहां जाने के लिए वीसा या स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ती थी। रास्ते में एक व्यक्ति ने पूछा- महाराज, ईश्वर तो आपके दिल में रहता है। फिर आप कैलाश मानसरोवर क्यों जा रहे हैं? तब संत ने जवाब दिया- हवा तो हर जगह है, फिर लोग पंखा क्यों झलते हैं? वह आदमी समझ गया। कुछ खास जगहों पर ईश्वर का स्पंदन बहुत ज्यादा होता है। अगर कोई ग्रहणशील व्यक्ति हो तो वह ईश्वर की गहरी अनुभूति कर सकता है।

5 comments:

संगीता पुरी said...

बिल्‍कुल सही ..

Vinay said...

परमज्ञान साझा करने के लिए धन्यवाद

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

सही है.

News4Nation said...

मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत कविता पढें और अपनी माँ के प्यार,अहसास और त्याग को जिंदा रखें
कविता पढने नीचे क्लीक करें
सताता है,रुलाता है,हाँथ उठाता है पर वो मुझे माँ कहता है

News4Nation said...

aapka blog dekha sach aadyatm ka bahut hi sundar najara dekhne ko mila aap isi tarah likhte rahiye
yahi dua hai !!