Wednesday, August 29, 2012

खान- पान में परहेज




शोध के परिणाम बताते हैं कि हमें हरी सब्जियां और फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। तेल- घी का सेवन जरूरी है लेकिन बहुत ही कम। जितना तेल हम सब्जी बनाने में इस्तेमाल करते हैं, उतना पर्याप्त है। इसके लिए पूड़ी- पराठा खाने की जरूरत नहीं है। यह बार- बार साबित हो चुका है कि पूड़ी, पराठा, समोसे और खूब ज्यादा तली हुई खाद्य वस्तुएं, मैदा और ज्यादा चीनी हमारे लिए नुकसानदेह होता है। कुछ लोग कहते हैं कि इतना परहेज करेंगे तो जीने का मजा ही क्या रह जाएगा? लेकिन खूब अनियमित आहार लेने के बाद अगर हम बीमार पड़ते हैं तो फिर जीने का मजा और किरकिरा हो जाएगा। इसलिए पहले से ही क्यों न सावधान रहें। फल, हरी सब्जियां,  दही, दूध, पनीर, छेना, सूखे फल आदि का सेवन करना निश्चय ही हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा खूब पानी पीना अच्छा है। डाक्टरों की सलाह है कि रोज कम से कम तीन लीटर पानी तो पीना ही चाहिए। यदि आपको दूध या दही सूट नहीं करता तो आप मट्ठा यानी छाछ पी सकते हैं। शोध से यह बात बार- बार सामने आई है कि मांसाहार हमारे शरीर को क्षति पहुंचाता है। हमें शाकाहार का आनंद उठाना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर उपाय है- ध्यान। जितना गहरा ध्यान होगा, मनुष्य उतनी ही शांति का आनंद उठा सकेगा।

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