शिरडी के साईं बाबा का मूल नाम क्या है, यह कोई नहीं जानता। वे महाराष्ट्र के शिरडी में आए तो उन्हें लोगों ने साईं बाबा के नाम से पुकारा और वे हिंदू- मुसलिम दोनों धर्मों के लोगों के लिए श्रद्धा के पात्र बन गए। कुछ विद्वानों के अनुसार उन्होंने कई सौ वर्ष पृथ्वी पर रहने के बाद १९१८ में अपना शरीर त्याग दिया। शिरडी के साईं बाबा का मुफ्त भंडारा आज भी चलता है। शिरडी में ही उनका मंदिर है जहां सोने के सिंहासन पर सोने का मुकुट धारण की हुई उनकी आकर्षक मूर्ति है। रोज कई हजार लोग उनका दर्शन करते हैं और उनके भंडारा में भरपेट प्रसाद ग्रहण करते हैं। उनके मंदिर में उनका दर्शन और प्रसाद ग्रहण करने वाले लोगों में एक मैं भी हूं। शिरडी के साईं बाबा का महत्वपूर्ण संदेश हमेशा याद रखने लायक है- सबका मालिक एक है। उनका दूसरा उपदेश है- श्रद्धा और सबूरी यानी भगवान में गहरी श्रद्धा और संपूर्ण प्रयास के बाद आपको जो मिल गया, उसी में संतोष करना।
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