विनय बिहारी सिह
स्पेन और मोरक्को के वैग्यानिकों ने शोध के बाद पता लगाया है कि गाय के दूध में २० रसायन होते हैं। ये सभी मनुष्य और जानवरों के लिए औषधि का काम करते हैं। इनमें से नाइफ्लूमिक एसिड, मेफेनैमिक एसिड तो होते ही हैं किटोप्रोफेन नामक रसायन भी होता है। ये सभी दर्द निवारक औषधियों के रसायन हैं। इसके अलावा हार्मोन १७ बीटा- एस्ट्राडिआल भी होता है जो पौरुषीय माना जाता है। हमारे ऋषियों ने पहले ही गाय के दूध को महत्वपूर्ण पेय बताया है। इसीलिए ईश्वर ने गाय को इतना दूध दिया है कि उसके बछड़े के पीने के बाद भी मनुष्य के लिए कुछ बच जाए। यह जानकारी तो पहले भी थी कि गाय का दूध फायदेमंद होता है, लेकिन उसके रसायनों पर विस्तृत शोध अब जाकर हुआ है। इन वैग्यानिकों ने स्पेन और मोरक्को की गायों के दूध पर यह शोध किया है। जाहिर है भारत की गायों के दूध में भी कम या ज्यादा ये रसायन होंगे। इन वैग्यानिकों ने यह भी कहा है कि बकरी और मनुष्य का दूध और भी फायदेमंद होता है।
संभवतः इसीलिए हमारे समाज में गाय को माता कहा जाता है। आज भी जिनके लिए संभव है, वे लोग बकरी का दूध पीते हैं। उनका कहना है कि बकरी का दूध उन्हें शक्ति देता है। महात्मा गांधी और उनके अनेक अनुयायी बकरी का दूध पीते थे और जिनके लिए संभव है उन्हें बकरी का दूध पीने की सलाह देते थे।
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Aabhaar.
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