विनय बिहारी सिंह
मित्रों, कब्ज होना आम बात है। कुछ लोग तो मजाक में कहते हैं कि पश्चिम बंगाल के पानी में ही कब्ज पैदा करने वाले तत्व हैं। लेकिन मैं इस रोग से लगातार लड़ता रहता हूं। इसलिए यह मुझे अपने वश में नहीं कर पाता। पिछले दिनों मैंने आटोमेटिक मशीन की बनी चाय खूब पी। काफी भी पी। अचानक मैंने पाया कि मुझे भारी कब्ज हो गया है। मैंने गहराई से विश्लेषण किया तो शक हुआ कि इसका कारण कहीं मशीन वाली चाय और काफी ही तो नहीं है। प्रयोग के तौर पर मैंने मशीन की चाय पीनी बंद कर दी। दफ्तर में मैं दुकानों पर बनी चाय पीने लगा। इसके अलावा एक प्रयोग और किया। भूख से काफी कम खाना खाया और खूब पानी पीया। इसके अलावा बची भूख को मिटाने के लिए भोजन के साथ ही पानी पीने लगा। जबकि मैं भोजन के साथ पानी नहीं पीता था। डाक्टर भी कहते हैं कि भोजन के साथ पानी पीने से पचने में सहायक रसायन पतले हो जाते हैं। फिर भी मैंने यह प्रयोग किया और इससे मेरा कब्ज खत्म हो गया। लेकिन हां, सबसे पहले मैंने एक दिन (नवरात्रि के पहले दिन) उपवास रखा। इसका बहुत फायदा मिला। कब्ज से मैं हमेशा दो दो हाथ करता रहता हूं। और जीत जाता हूं। आपको भी कभी कब्ज हो तो भोजन के साथ पानी वाला प्रयोग आप आजमा कर देख सकते हैं। क्या पता आपको भी फायदा करे।
2 comments:
Bojan ke saath paani ke bajaay, rasaa jyada len to bhi fayada hoga.
एक और ऊपाय
कब्ज से अगर छुटकारा पाना हैँ,तो कायम चुर्ण एक बेस्ट आपशन है.क्योकि ईसमे सनाय के पत्ते होते हैँ जो पेट को भली प्रकार से साफ कर देते हैँ और इसका कोई साइड इफ्फेक्ट भी नही हैँ
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