मां दुर्गा के दस हाथ हमारी दस इंद्रियों के प्रतीक हैं। मां के नौ हाथों में अस्त्र- शस्त्र हैं और एक हाथ आशीर्वाद दे रहा है। तो नौ हाथों में अस्त्र क्यों हैं? ये इंद्रियों के वश में करने का संदेश देते हैं। मां दुर्गा का संदेश है कि जब तक हम इंद्रियों को वश में नहीं कर लेते और उनका इस्तेमाल साधना के लिए नहीं करने लगते, मां के दर्शन दुर्लभ ही रहेंगे। एक बार यह ज्ञान हो गया कि हम इंद्रिय, मन या शरीर नहीं हैं। माइंड नहीं हैं। इंटेलेक्ट नहीं हैं। हम तो सिर्फ शुद्ध आत्मा हैं। बस यह अनुभव होना ही इंद्रिय नियंत्रण का रास्ता खोल देता है। इसके अलावा संतों ने कुछ प्राणायाम बताए हैं। उनसे इसमें और मदद मिलती है। इस तरह साधक धीरे- धीरे आगे बढ़ता रहता है और मां की कृपा का पात्र होता जाता है। आखिर मां भी चाहती ही हैं कि उनका बच्चा उनकी ओर आकर्षित हो। उन्हें मां कह कर पुकारे। उनसे प्यार करे। कौन मां नहीं चाहेगी? और जगन्माता की तो बात ही कुछ और है। वे तो लगातार हमारी बाट जोहती रहती हैं। कब हम गहरे हृदय से उनकी करुणा के लिए पुकारें और कब वे हमारे पास आएं।
Thursday, October 25, 2012
मां दुर्गा के दस हाथ
मां दुर्गा के दस हाथ हमारी दस इंद्रियों के प्रतीक हैं। मां के नौ हाथों में अस्त्र- शस्त्र हैं और एक हाथ आशीर्वाद दे रहा है। तो नौ हाथों में अस्त्र क्यों हैं? ये इंद्रियों के वश में करने का संदेश देते हैं। मां दुर्गा का संदेश है कि जब तक हम इंद्रियों को वश में नहीं कर लेते और उनका इस्तेमाल साधना के लिए नहीं करने लगते, मां के दर्शन दुर्लभ ही रहेंगे। एक बार यह ज्ञान हो गया कि हम इंद्रिय, मन या शरीर नहीं हैं। माइंड नहीं हैं। इंटेलेक्ट नहीं हैं। हम तो सिर्फ शुद्ध आत्मा हैं। बस यह अनुभव होना ही इंद्रिय नियंत्रण का रास्ता खोल देता है। इसके अलावा संतों ने कुछ प्राणायाम बताए हैं। उनसे इसमें और मदद मिलती है। इस तरह साधक धीरे- धीरे आगे बढ़ता रहता है और मां की कृपा का पात्र होता जाता है। आखिर मां भी चाहती ही हैं कि उनका बच्चा उनकी ओर आकर्षित हो। उन्हें मां कह कर पुकारे। उनसे प्यार करे। कौन मां नहीं चाहेगी? और जगन्माता की तो बात ही कुछ और है। वे तो लगातार हमारी बाट जोहती रहती हैं। कब हम गहरे हृदय से उनकी करुणा के लिए पुकारें और कब वे हमारे पास आएं।
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1 comment:
Jai Maa Durga
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