सबके मालिक हो कर भी
छुपे रहते हैं भगवान
विनय बिहारी सिंह
परमहंस योगानंद जी ने कहा है- सबके मालिक हो कर भी भगवान छुपे रहते हैं। लेकिन मनुष्य कुछ भी करके - मैंने किया, मैंने किया कहने लगता है। यानी अहंकार हावी हो जाता है। परमहंस जी ने कितनी सटीक बात कही है। हम तो अपने बेटे- बेटियों की शादी भी करते हैं तो बताते नहीं थकते कि कितनी धूमधाम से यह शादी हुई। आश्चर्य है। कितना अहंकार छुपा हुआ है हमारे भीतर? जब तक यह दूर नहीं होगा, भगवान क्यों हमें महसूस कराएंगे कि वे दिन रात हमारे साथ हैं। वे अंतर्यामी हैं और हमारी सूक्ष्मतम सोच को भी जानते हैं क्योंकि वे सर्वव्यापी हैं। कब हम झूठ बोलते हैं, कब अपने भीतर सड़े हुए विचार लाते हैं, वे सब जानते हैं। दूसरों के बारे में जब हम हिंसात्मक विचार लाते हैं, ईश्वर हमसे दूर भाग जाते हैं। तब शैतान हमारे साथ रहता है। इसीलिए धर्मग्रंथों में कहा गया है कि मन में अच्छे विचार रखें। अच्छे विचार साबुन की तरह होते हैं। वे सारी मैल धो कर हमारा अंतरमन निर्मल कर देते हैं। अच्छे विचार ही हमारे लिए भगवान को लेकर आते हैं। वे लोग कितने भाग्यशाली हैं जो ईश्वर को दिन रात याद करते रहते हैं। चाहे वे काम कर रहे हों या कुछ भी। ईश्वर उनकी सोच के केंद्र में होते हैं।
1 comment:
Ishwar sab kuchh janate hain. Hamare man men aane wale sade vicharon ko bhee.. :)) Bahut hee saral bhasha men bade-bade sandesh de dete hain Uncle aap. Sadhuwaad.
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