Thursday, December 24, 2009

एक छोटी सी कथा

विनय बिहारी सिंह

एक आदमी रोज मंदिर में आता था। आंख बंद कर चुपचाप बैठ जाता था। फिर दो घंटे बाद उठ कर चला जाता था। इस तरह दो साल बीत गए। पुजारी इस आदमी को रोज देखते थे। एक दिन पुजारी से रहा नहीं गया। उन्होंने उस आदमी से पूछा- आप रोज आंख बंद कर क्या दो घंटे तक ध्यान करते हैं? उस आदमी ने जवाब दिया- नहीं। मैं ईश्वर से बातें करता हूं। पुजारी ने पूछा- ईश्वर आपसे क्या कहते हैं? उस आदमी ने जवाब दिया- वे मेरी बातें सुनते हैं।

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