Monday, December 21, 2009

जर्मन डाक्टरों का कमाल़

विनय बिहारी सिंह

सबसे पहले जर्मन डाक्टरों के कमाल की बात करें। एक अंधे आदमी की आंखों की कार्निया में विशेष माइक्रोचिप लगा कर उन्होंने उसे आंखों वाला बना दिया। अब वह आदमी आराम से देख रहा है और खुश है। डाक्टरों ने कहा है कि यह विचार काफी दिनों से चल रहा था कि निष्क्रिय या बेकार हो चुकी आंख को फिर से नई और सक्रिय कैसे बनाया जाए। इस घटना का आध्यात्म से क्या संबंध है? दिव्य प्रकाश तो आध्यात्म का ब्लाग है। आइए जानें। हमारे देश में एक विख्यात संत हुए हैं- योगावतार श्यामा चरण लाहिड़ी। लाहिड़ी महाशय के यहां एक सेवक था- राम। राम की दोनों आंखें बेकार थीं। वह दुनिया को देखना चाहते थे। उन्होंने हाथ जोड़ कर लाहिड़ी महाशय से कहा- आपने अनेक लोगों को ठीक कर दिया। क्या मेरी आंखें ठीक नहीं हो सकतीं। लाहिड़ी महाशय के मन में करुणा उपजी। वे देवता थे। उन्होंने कहा- तुम दिल से भगवान के नाम का जाप करो। पंद्रह दिन बाद तुम्हारी आंखें ठीक हो जाएंगी। राम ने पूछा- भगवन, मैं किस देवता के नाम का जाप करूं? लाहिड़ी महाशय ने कहा- तुम्हारा नाम राम है। तुम राम- राम जपते रहो। फिर क्या था। राम ने तुरंत जाप करना शुरू कर दिया। वह सोते, जागते, काम करते, विश्राम करते यानी हर वक्त राम- राम का जाप करता रहता। और तोते की तरह नहीं। बिल्कुल दिल से जाप करता। मानों भगवान राम सामने बैठे हों या खड़े हों और वह राम- राम कह कर उन्हें पुकार रहा हो। इसका चमत्कारी असर हुआ और राम की आंखें सचमुच १५ दिनों में ठीक हो गईं। उसने पंद्रहवें दिन सूर्योदय देखा। यह चमत्कार कैसे हुआ? लाहिड़ी महाशय के एक शिष्य ने कहा- हमें इस दुनिया में जो कुछ भी प्राप्त होता है वह सीधे ईश्वर से ही। लेकिन जिन्हें विश्वास नहीं है, उन्हें कुछ भी फलित नहीं होता। लेकिन जो गहरे अंतर से समूचे दिल से ईश्वर को पुकारता रहता है, वह उनका उत्तर अवश्य पाता है। वे इतने ही जीवंत और हमारे करीब हैं जितने हम औऱ आप हैं। यह संसार ईश्वर का है। हम यहां अपने कर्मों का फल भोगने आए हैं। लेकिन अगर हम ईश्वर को दिल से पुकारें तो वे हमें अपनी विशेष सुरक्षा घेरे में ले लेते हैं। वे वैसे भी हमारी रक्षा करते हैं क्योंकि वे ही हमारे माता है, पिता हैं। परमहंस योगानंद जी कहते हैं कि ईश्वर के पास एक चीज नहीं है, वह है हमारा प्यार। हर मां- बाप चाहता है कि उसकी संतान उसे प्यार करे। भगवान क्यों नहीं चाहेंगे? वे हमारे प्यार की प्रतीक्षा में हैं। यह कितना अद्भुत है कि इस संसार, इस ब्रह्मांड का स्वामी यानी मालिक हमारे प्यार की राह देख रहा है। हमें यह अद्भुत मौका मिला है। इसे हमें गंवाना नहीं चाहिए।

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