Tuesday, October 25, 2011

विपश्यना केंद्र

विनय बिहारी सिंह



इगतपुरी में ही ६४ एकड़ में फैला विपासना केंद्र है। हम घूमते हुए वहां भी गए थे। वहीं एक बोर्ड पर लिखा था- सयाजी ऊ बा खिन- ने विपश्यना विद्या भारत भेजी थी। इगतपुरी का विपश्यना केंद्र बहुत ही आकर्षक और भव्य है। वहां एक पर्यटक ने बताया- इसे सत्यनारायण गोयनका जी संचालित करते हैं। यहां का पगोडा (ध्यान केंद्र) भी हम देखना चाहते थे। लेकिन हमें बताया गया कि वहां बाहरी लोगों को नहीं जाने दिया जाता। वहां लोग ध्यान कर रहे हैं। वहां के रिसेप्शन में बैठे व्यक्ति ने हमें पगोडा और विपश्यना संबंधी एक वीडियो दिखाया। इससे एक अंदाजा मिल गया कि यहां होता क्या है। अगले दिन हम गोदावरी नदी के किनारे बने नारोशंकर मंदिर में गए। वहां सुनहरे रंग का ७५० किलो का विशाल घंटा देख कर अच्छा लगा। यह साल में एक बार ही बजता है- शिवरात्रि के दिन। यह मंदिर भगवान शिव का है। इसके बाद हम श्री सीताराम गुफा में गए। कृत्रिम गुफा में किसी तरह घुसने की जगह है। अंदर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी की सुंदर मूर्ति है। गर्भ स्थान में ही भगवान शिव का सुंदर सा शिवलिंग है।
देश का सबसे बड़ा शनि मंदिर है- शनिशिंगणापुर में। इसे श्री शनैश्वर देवस्थान कहते हैं। यहां लगभग सात फुट का एक काला पत्थर रखा हुआ है। यहां तेल और एक विशेष पौधे का पत्ता चढ़ाया जाता है। भक्त तेल को एक बेसिननुमा जगह पर चढ़ा देते हैं। वहां से मोटर के जरिए यह तेल शनिदेव को चढ़ा दिया जाता है। शनिदेव तक जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है। वहां ध्यान और शनिमहिमा के पाठ के लिए अलग अलग स्थान हैं। इसके अलावा चढ़ावे के लिए पेड़ों का पैकेट भी एक काउंटर पर मिलता है। वहां शनिदेव पर केंद्रित साहित्य के लिए बुकस्टाल है। वहीं शनिदेव का फोटो और सीडी आदि मिलती है। हम सबने वहां पर्यटक के तौर पर सारी चीजें देखीं। किसी ग्रह का इतना बड़ा मंदिर मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा। हम सब शनिदेव को प्रणाम कर आगे बढ़ गए। इसके पहले हम त्र्यंबकेश्वर और शिरडी के साईंबाबा का दर्शन कर चुके थे।

3 comments:

Gyan Darpan said...

दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ |

way4host
rajputs-parinay

संगीता पुरी said...

अच्‍छी जानकारी ..
.. आपको दीपोत्‍सव की शुभकामनाएं !!

Unknown said...

Aap sabko दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ |