Tuesday, October 11, 2011

भगवान विष्णु के दस अवतार

विनय बिहारी सिंह



भगवान विष्णु ने दस रूपों में अवतार लिया था। इनमें से भगवान राम और कृष्ण के बारे में तो सभी जानते हैं। उनके दसों अवतारों के नाम इस प्रकार हैं- १-मत्स्य, २- कूर्म, ३- वराह, ४- वामन, ५- नृसिंह, ६- परशुराम, ७-राम,८-बुद्ध ९- कृष्ण, १०- कल्की। हर कथा अत्यंत रोचक है। आइए आज मत्स्य अवतार के बारे में चर्चा करें।
कथा है- एक बार द्रविड़ वंश के राजा सत्यव्रत जिन्हें बाद में मनु की पदवी मिली, नदी में स्नान कर रहे थे। अचानक उनकी अंजुरी में एक छोटी सी मछली आ गई। सत्यव्रत उसे फिर जल में रखने ही वाले थे कि मछली ने उनसे प्रार्थना की कि वे उसके जीवन की रक्षा करें और उसे किसी सुरक्षित स्थान पर ले चलें। सत्यव्रत या मनु ने मछली को एक कमंडलु में रख दिया और स्ना कर घर पहुंचे। घर पहुंच कर उन्होंने देखा कि मछली कमंडलु से बड़ी हो गई है। तब मछली ने आग्रह किया कि उसे किसी तालाब में रख दिया जाए। राजा ने उसे तालाब में रखवा दिया। लेकिन आश्चर्य, वह मछली तालाब से भी बड़ी हो गई। तब मछली ने आग्रह किया कि उसे नदी में रख दिया जाए। जब उसे नदी में रखा गया तो वह नदी से भी बड़ी हो गई। तब मछली ने आग्रह किया कि उसे समुद्र में रख दिया जाए। लेकिन आश्चर्य- जब उसे समुद्र में रखा गया तो वह समुद्र से भी बड़ी हो गई। तब मनु को समझ में आ गया कि यह मछली कोई सामान्य जीव नहीं है। उन्होंने आदर के साथ उसे प्रणाम किया और पूछा कि वे कौन हैं। तब भगवान विष्णु ने उन्हें अपना असली रूप दिखाया। मनु या सत्यव्रत ने पूछा कि इस अवतार का कारण क्या है भगवन। मछली रूप में भगवान ने कहा- आज से सात दिनों बाद प्रलय आएगा। तुम महत्वपूर्ण वनस्पतियों के बीज, औषधियां आदि इकट्ठा कर रखो। इस प्रलय में तुम्हारा बाल भी बांका नहीं होगा। तुम इसी समुद्र के किनारे आ जाना। तुम्हें एक नाव मिलेगी। उस पर सप्तऋषि बैठे होंगे। उन्हीं के साथ तुम भी अपने साथ लाए बीजों और औषधियों के साथ उस नाव पर बैठ जाना। तुम्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा। ठीक सात दिनों बाद प्रलय आया। सत्यव्रत या मनु भगवान द्वारा निर्देशित सामान के साथ समुद्र के किनारे खड़े हो गए। जहां वे खड़े हुए वहीं एक बड़ी सी नाव प्रकट हुई। उस पर सप्तऋषि बैठे हुए थे। सत्यव्रत अपने सामान के साथ उस पर बैठ गए और भगवान के लोक को चले गए। यह है मत्स्य अवतार की संक्षिप्त कथा।

(मित्रों, मैं कल यानी १२ अक्तूबर से २३ अक्तूबर तक योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया के महाराष्ट्र स्थित इगतपुरी में हो रहे शरद संगम में हिस्सा लेने जा रहा हूं। इस आनंददायी आयोजन से लौट कर आप से २४ अक्तूबर को भेंट होगी। तब तक आप पुराने पोस्ट पढ़ कर आनंद उठाएं।)

2 comments:

KULDEEP SINGH said...

bhut pasand aaya.join my side

KULDEEP SINGH said...

bhut pasand aaya.join my side