Sunday, January 18, 2009

गांधी जी ने मरते वक्त कहा था- हे राम

विनय बिहारी सिंह

महात्मा गांधी को जब गोली लगी थी तो वे गिर पड़े थे और उनके मुंह से निकला था- हे राम। अपने जीवन काल में उन्होंने अपने प्रिय जनों से कहा था- मेरी हार्दिक इच्छा है कि जब मरूं तो मेरे मुंह से राम का नाम ही निकले। वे जीवन भर ईश्वर के भक्त हो कर रहे। हर सुबह और शाम वे पूजा करते थे। हर रोज सार्वजनिक रूप से प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता था। वे मानते थे कि सबका मालिक भगवान ही है। अनेक लोगों को उनका भजन याद है- ईश्वर, अल्ला तेरे नाम। सबको सन्मति दे भगवान।
एक बार महात्मा गांधी का एपेंडिक्स का आपरेशन होना था। डाक्टर चाहते थे कि उन्हें बेहोश करने की दवा दी जाए। तब आपरेशन किया जाए. गांधी जी ने कहा- नहीं । मैं बिना बेहोशी की दवा खाए, पबरे होशो हवास में आपरेशन कराना चाहता हूं। कोई सामान्य आदमी होता तो डाक्टर राजी नहीं होते। लेकिन बात महात्मा गांधी की थी। डाक्टरों को राजी होना पड़ा। गांधी जी का पेट चीरा गया और वे आराम से आपरेशन कराते रहे। चिल्लाना तो दूर, वे उल्टे मुस्कराते रहे। कितनी सहन शक्ति थी गांधी जी मे।ोोमो