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विनय बिहारी सिंह
पिछले दिनों कोलकाता में एक सन्यासी से मुलाकात हुई। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि बातचीत मौन रह कर भी की जा सकती है। यह मेरे लिए एक अद्भुत बात थी। उन्होंने बताया- यह मैं नहीं रमण महर्षि और परमहंस योगानंद ने यह बात कही है। यह वैग्यानिक तथ्य है। मेरी उत्सुकता बढ़ी। उन्होंने कहा कि अगर आपके प्रति कोई दुश्मनी कर बैठा है तो उसके प्रति आप प्यार भेजिए। मन में उसका चेहरा रखते हुए कहते रहिए- मैं आपको प्यार करता हूं। आई लव यू। आपके दिल में उसके प्रति सचमुच प्रेम का भाव होना चाहिए। कुछ दिनों बाद वह आपसे दुश्मनी खत्म कर देगा। हो सकता है वह आपका मित्र बन जाए। मुझे यह विचार अच्छा लगा। सोचा क्यों न इसे सबको बताया जाए। क्या पता इससे समाज में सौहार्द बढ़े।
1 comment:
सुन्दर विचार है।
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