Thursday, October 30, 2008

अनावश्यक चीजों पर ध्यान

परमहंस योगानंद ने कहा है-
आप भविष्य की चिंता क्यों नहीं करते? आप अनावश्यक चीजों को इतना महत्व क्यों देते हैं? अधिकांश लोग सुबह, दोपहर व रात के भोजन, काम- काज, सामािजक कार्य कलापों आदि में ही व्यस्त रहते हैं। अपने जीवन को अौर ज्यादा सरल बनाइए तथा अपना संपूर्ण ध्यान ईश्वर में केंिद्रत कीजिए। यह संसार ईश्वर के पास वापस पहुंचने की तैयारी करने का स्थान है। ईश्वर यह जानना चाहते हैं कि हम उन्हें उनके उपहारों से अधिक चाहते हैं या नहीं। यानी हम ईश्वर के उपहारों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं या उपहार देने वाले को यानी ईश्वर को। ईश्वर हमारे पिता हैं अौर हम सब उनकी संतान हैं। हमारे प्रेम पर उनका अधिकार है अौर उनके प्रेम पर हमारा अधिकार है। हमारे कष्ट इसलिए उत्पन्न होते हैं कि हम उनकी यानी ईश्वर की अवहेलना करते हैं। परंतु वे सदैव हमारा इंतजार कर रहे हैं।
- प्रस्तुति- विनय बिहारी सिंह, कोलकाता