मैंने एक बहुत अच्छा कथन पढ़ा। किसी महापुरुष ने कहा है(नाम नहीं दिया गया है)कि यदि कोई ईश्वर पर विश्वास करता है उससे ईश्वर के बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। और जो ईश्वर पर विश्वास नहीं करता, उससे भी आपको कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप उसे लाख समझाएंगे कि ईश्वर है, हम ईश्वर की ही संतानें हैं तो वह नहीं मानेगा। अपना तर्क देता रहेगा। इसलिए जो ईश्वर में विश्वास करता है, उससे और जो विश्वास नहीं करता, उससे कोई तर्क करना ही नहीं चाहिए।
उसे कुछ समझाना ही नहीं चाहिए।
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