Friday, March 1, 2013

अब आई कमाल की लचीली बैटरी



जैसन पॉलमर
 विज्ञान एवं तकनीकी मामलों के संवाददाता

courtesy- BBC Hindi

इस बैटरी को तीन गुना तक खींच सकते हैं. आजकल बैटरी के इस्तेमाल के बिना तो जैसे आप ज़िदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. आसपास की न जाने कितनी चीज़ों में हम क्लिक करें बैटरी का इस्तेमाल करते हैं. मसलन, घड़ी, मोबाइल फ़ोन, इनवर्टर, कार, इत्यादि चीज़ें तो झटके से ध्यान में आती हैं. महानगरों में कई लोग ऐसे स्वास्थ्य उपकरणों को भी साथ रखते हैं जो बैटरी से ही चलते हैं. संबंधित समाचार15 साल चलने वाली मोबाइल बैटरीअधिक बैट्री खाते हैं मुफ़्त के ऐप्सई-शर्ट के विकास की संभावना बढ़ीक्लिक करें बैटरी के बिना जब हमारा आपका काम नहीं चल सकता तो उसके साथ वैज्ञानिक समुदाय प्रयोग भी ख़ूब कर रहा है.

अब वैज्ञानिकों ने ऐसी बैटरी बना ली है जिसे आप खींचकर बड़ा कर सकते हैं, वो भी तीन गुना तक. वायरलेस चार्ज होगी बैटरी"बैटरी को स्ट्रैचबल बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि ऐसा करने से बैटरी की क्षमता पर असर पड़ता है. लेकिन हमने कई तरीकों का इस्तेमाल किया." - जॉन रोजर्स, प्रोफेसर और शोधकर्ता, इल्यानोइस यूनिवर्सिटी पिछले कुछ दिनों में ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का उत्पादन बढ़ा है जिन्हें खींचकर बढ़ाया जा सकता है. ऐसे ही उत्पादों के लिए लचीली बैटरी को तैयार किया गया है. 'आइडिया इन नेचर कम्यूनिकेशन' में 'स्ट्रेचेबल पॉलीमर' के इस्तेमाल से ऐसी बैटरियों को बनाया गया है. इल्यानोइस यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर और वरिष्ठ लेखक जॉन रोजर्स ने बीबीसी से कहा, “बैटरी को स्ट्रेचेबल बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि ऐसा करने से बैटरी की क्षमता पर असर पड़ता है. लेकिन हमने कई तरीकों का इस्तेमाल किया.”

जॉन रोजर्स हाल के वर्षों तक नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में लचीले इलेक्ट्रानिक उत्पादों को विकसित करने की विधि पर काम करते रहे थे. इस दौरान वे किसी भी सर्किट को बनाकर लचीले पॉलीमर में तैयार करते थे और उसे वैसी तार से कनेक्ट करते थे, जिसे खींचने पर ख़ास असर नहीं पड़े. लेकिन बैटरी पर इस तरह के प्रयोग काम नहीं कर पा रहे थे. क्योंकि परंपरागत तौर पर बैटरी किसी इलेक्ट्रिक सर्किट के मुक़ाबले काफ़ी बड़ी होती है. बैटरी को छोटा बनाने में इस बात की आशंका रहती है कि उसकी पावर भी कम हो जाएगी.

इस्तेमाल बढ़ने की उम्मीद

लचीली बैटरियों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ने की उम्मीद ऐसे में जॉन रोजर्स ने चक्करदार बनावट का उपयोग किया, जिसमें स्ट्रेचेबल पॉलीमर के इस्तेमाल से अंग्रेज़ी के 'S' अक्षर का आकार दिया गया. इस लचीली बैटरी को उसके सामान्य आकार से तीन गुना तक खींचा जा सकता है. इन शोधकर्ताओं का दावा है कि बैटरी को थोड़ी दूरी के अंतराल से क्लिक करें वायरलेस से भी चार्ज किया जा सकता है. जॉन रोजर्स को भरोसा है कि उनके इस उत्पाद का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ेगा.
वे कहते हैं, “इसका सबसे ज़्यादा उपयोग उन उत्पादों में होगा जो स्वास्थ्य उपकरण हैं और शरीर की त्वचा से जुड़े होते हैं.”



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