कल रविवार को सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप के सन्यासी स्वामी विश्वानंद जी ने कहा- हर पल महत्वपूर्ण होता है। किस पल, किस मोमेंट में आप ईश्वर का अनुभव कर लें, कहा नहीं जा सकता। बशर्ते आप कोशिश करते रहें। ईश्वर आम्नी प्रेजेंट हैं। यानी सर्वव्यापी हैं। उन्हें किसी भी क्षण अनुभव किया जा सकता है। एक बार यदि आप ईश्वर से एट्यूंड हो जाएं। ईश्वर से एकरस हो जाएं तो बस काम बन गया। ईश्वर तक ले जाने वाला तत्व है- अनन्य विश्वास और भक्ति। स्वामी विश्वानंद का प्रवचन सुन कर मुझे लगा कि गुरुदेव परमहंस योगानंद जी ने हमें क्रिया योग की टेक्निक या प्रविधि देकर हमारा बहुत उपकार किया है। हमारे ऊपर अत्यंत कृपा की है। इससे हमें भक्ति पथ पर चलने का रास्ता मिल गया।
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