Monday, December 31, 2012

आज रिटायर हो गया



मित्रों आज ३१ दिसंबर २०१२ को मैं इंडियन एक्सप्रेस लिमिटेड के हिंदी समाचार पत्र- जनसत्ता- से रिटायर हो गया। लेकिन यह जीवन से रिटायर होना नहीं है। फिर किसी दूसरे समाचार पत्र में ज्वाइन करने की योजना है। अभी मैं ऊर्जावान हूं। काम करने का उत्साह है और ईश्वर की कृपा है। यदि मेरे भीतर फिर किसी दूसरे अखबार से जुड़ने की प्रेरणा है तो निश्चित तौर पर यह ईश्वर का आशीर्वाद है। चूंकि मुझे पेंशन बहुत संतोषजनक नहीं मिलेगी, इसलिए नौकरी करना आवश्यक है। जब तक शरीर और दिमाग चले, काम करने में हर्ज क्या है? संसार में अपने कर्तव्यों को करते हुए हम ईश्वर से जुड़े रह सकते हैं। योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया के स्वामी शुद्धानंद जी की कही एक बात याद आ रही है।  उन्होंने कहा- संसार के अपने कर्तव्यों को ईश्वर का काम मान कर चलिए। फिर रात को स्वयं को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर दीजिए। यही जीने की कला है। इस तरह आप काम करते हुए भी ईश्वर से जुड़े रहेंगे।
 स्वामी जी की इन्हीं बातों को याद करते हुए मैं अपना आगामी जीवन जी सकूं तो अच्छा लगेगा।

Monday, December 24, 2012

करुणा और प्रेम की मूर्ति जीसस क्राइस्ट


विनय बिहारी सिंह




जीसस क्राइस्ट की तस्वीर मैं जब भी देखता हूं वे करुणा और प्रेम से ओतप्रोत दिखते हैं। हिंदू धर्म की खूबी यह है कि यह सारे धर्मों का बहुत आदर करता है। हिंदू धर्म सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत पर चलता है हिंदू धर्म।  इसीलिए जीसस क्राइस्ट मुझे बहुत आकर्षित करते हैं। मेरे घर में उनकी एक सुंदर सी तस्वीर है। गहरे आदर से अगरबत्ती तो मैं उनकी तस्वीर को रोज ही दिखाता हूं। क्रिसमस के दिन केक लाकर उन्हें अर्पित कर फिर बच्चों को दे देता हूं। जीसस को जब सूली पर चढ़ाया जा रहा था तो उन्होंने उनके लिए भी प्रार्थना की जो उन्हें मृत्युदंड दे रहे थे। उन्होंने कहा- हे परमपिता, इन्हें क्षमा कर दें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं (फादर फारगिव देम, फार दे नो नाट व्हाट दे डू)।  ऐसी करुणा, ऐसा प्रेम विलक्षण है। अपनी हत्या कर रहे लोगों के लिए कौन प्रार्थना कर सकता है? जीसस जैसे महापुरुष के ही वश की है यह बात। जीसस क्राइस्ट के शिष्य पीटर ने उनसे पूछा- किसी को कितनी बार क्षमा करना चाहिए? क्या सात बार? जीसस ने कहा- नहीं सात के सत्तर गुना बार (सेवेन इन टू सेवेंटी टाइम्स) यानी ४९० बार। जीसस के कहने का अर्थ था कि क्षमा मनुष्य का आधारभूत गुण होना चाहिए। आज जब शोध कहता है कि क्षमा करने वाला व्यक्ति अधिक सुखी रहता है। तनावरहित रहता है तो जीसस क्राइस्ट याद आते हैं। ऋषि पातंजलि ने अष्टांग योग में क्षमा को महत्वपूर्ण तत्व बताया है। हिंदू धर्म में भी क्षमा व्यक्तित्व विकास का महत्वपूर्ण पहलू है। अन्य धर्म भी क्षमा पर जोर देते हैं।

 मेरे बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) जब छोटे थे तो क्रिसमस के मौके पर मैं उन्हें केक ला देता था। वे बहुत खुश होते थे। अब वे बहुत बड़े हो गए हैं। अपने पैरों पर खड़े हैं और उन्हें मेरे सहारे की जरूरत नहीं है। फिर भी उनकी हार्दिक इच्छा रहती है कि क्रिसमस पर मैं उसी तरह लाऊं केक लाऊं जैसे उनके बचपन में लाता था। उनकी यह इच्छा सुन कर मुझे खुशी होती है। यह भी प्रकारांतर से जीसस क्राइस्ट के प्रति सम्मान ही है। आखिर केक घर में उन्हीं को याद करते हुए तो आता है।

Thursday, December 13, 2012

भजन के लाभ



सभी साधु- संतों ने कहा है कि भजन के अनेक लाभ हैं। चाहे किसी भजन की दो ही पंक्तियां गाई जाएं। चाहे धीरे- धीरे ही गाई जाएं, लेकिन इससे फायदा जरूर होता है। ठीक वैसा लाभ जो जप से मिलता है। लेकिन भजन गायन हृदय से होना चाहिए। भगवान से प्रार्थना  का असर भी गहरा होता है। साधु- संतों ने कहा है कि चाहे जिस विधि से भी हो, ईश्वर से संपर्क जोड़ना चाहिए। ईश्वर सर्वव्यापी हैं। सर्वशक्तिमान हैं, सर्वज्ञाता हैं। वे ही सर्वेसर्वा हैं। साधु- संतों की बातें झूठी नहीं हो सकतीं। उन्होंने जो कुछ कहा है- अनुभव के आधार पर कहा है। प्रत्यक्ष प्रमाण के आधार पर कहा है।

Monday, December 10, 2012

अब दो महीने तक खराब नहीं होगी आपकी ब्रेड!



60 दिनों तक तरोताज़ा रखा जा सकेगा ब्रेड को
एक अमरीकी कंपनी ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे ब्रेड में 60 दिनों यानी दो महीने तक फफूंद नहीं लगेगा और ब्रेड ताज़ी बनी रहेगी.
ब्रेड को एक अत्याधुनिक माइक्रोवेव में बनाया गया जिससे फफूंद बनाने वाले जीवाणु नष्ट हो गए.
हालांकि, कंपनी को इस बात का डर भी है कि लोग इस पर कितना भरोसा जताएंगे.
अमरीकी कंपनी माइक्रोजैप का दावा है कि इस तकनीक से न सिर्फ ब्रेड को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि दूसरे खाद्य पदार्थों के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

खाने की बर्बादी रुकेगी

विकासशील देशों में खाने की बर्बादी एक आम समस्या है. अमरीका और ब्रिटेन में भोजन की सबसे ज्यादा बर्बादी होती है.
अमरीका में इस साल खाने की बर्बादी के जो आँकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक अमरीकी नागरिक खरीदे गए खाद्य पदार्थों में से तकरीबन 40 फीसदी खाना बर्बाद कर देते हैं.
ब्रेड को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए विशेष प्रकार के माइक्रोवेव मशीन को तैयार किया गया है.
इस अनाज की कीमत 165 अरब डॉलर के करीब होती है.
ब्रिटेन में भी ब्रेड की बर्बादी बहुत ज्यादा होती है और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है उसमें जल्दी पैदा होने वाला फफूंद.
आमतौर पर ब्रेड या पाव रोटी किसी प्लास्टिक रैपर में लिपटे होते हैं जो फफूंद पैदा करने के लिए काफी होता है.
ब्रेड को खास तरीके से रखने से उसे तकरीबन 10 दिनों तक ताज़ा और स्वादिष्ट रखा जा सकता है.
लेकिन अमरीकी कंपनी माइक्रोजैप का दावा है कि उन्होंने जो तकनीक विकसित की है उससे ब्रेड को करीब 60 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा.
‘टेक्सस टेक विश्वविद्यालय’ की प्रयोगशाला में रखे मेटेलिक माइक्रोवेव को दिखाते हुए कंपनी के प्रमुख डॉन स्टल बताते हैं, “इस मशीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये बैक्टीरिया को नष्ट कर सके.”

सवाल स्वाद का

सबसे बड़ा सवाल लोगों के भरोसे और स्वाद का है.
इस पर डॉन स्टल कहते हैं कि लोगों का भरोसा जीतना इतना आसान काम नहीं होगा. इसके लिए हमें कुछ खरीदारों का विश्वास जीतना होगा.
वो कहते हैं कि हमें लोगों को गुणवत्ता का भरोसा दिलाना होगा.