'सैचुरेटेड फैट' से जुड़ी सलाह 'स्पष्ट' नहीं
आमतौर पर सलाह दी जाती है कि यदि 
ह्रदय रोगों से दूर रहना है तो सैचुरेटेड फैट वाले भोजन की जगह 
पॉलीअनसेचुरेटेड फैट का सेवन करें. मगर एक नया शोध बताता है कि इस बात के 
पुख्ता प्रमाण नहीं है.
ब्रिटिश हॉर्ट फाउंडेशन के  
शोधकर्ताओं ने पाया कि खाने में मक्खन की जगह सनफ्लावर स्प्रेड की अदला-बदली दिल की बीमारियों से जुड़े खतरों को कम नहीं करती.
                     ह्रदयरोग विशेषज्ञ हमेशा से कहते आए हैं कि बहुत सारा पनीर, पाई और केक खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है.
सैचुरेटेड फैट
विशेषज्ञों का मानना रहा है कि आप बहुत ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाला भोजन ले रहे हैं तो सावधान रहिए, इससे आपके रक्त में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ सकती है. यदि ऐसा हुआ तो कोरोनरी ह्रदयरोग का गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा.मक्खन, बिस्किट, मीट के वसायुक्त टुकड़े, सॉसेज, बैकन, पनीर और क्रीम आदि में जो वसा पाई जाती है उसे संतृप्त वसा यानि सैचुरेटेड फैट कहते हैं.
पिछले कई दिनों से सेहत संबंधी अभियान जोर-शोर से चलाया गया कि कम संतृप्त वसा वाला खाना जैसे कि जैतून का तेल, सनफ्लावर ऑयल और दूसरे गैरपशु वसा वाला भोजन अधिक लाभकारी होता है.
मगर कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की अगुवाई में किए गए और 'अनल ऑफ इंटरनल मेडिसिन' में छपे हुए शोध के मुताबिक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कम संतृप्त वसा वाला भोजन लाभकारी होता है.
यह शोध कहता है कि पॉलीअनसेचुरेटेड फैट वाले भोजन के सेवन से भी दिल की बीमारियों से कोई बचाव नहीं होता.
कृत्रिम वसा
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. राजीव चौधरी का कहना है आम तौर पर हम संतृप्त वसा वाले भोजन की जगह ढेर सारा कार्बोहाइड्रेट ले लेते हैं, जैसे कि व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस, पोटैटो आदि, या प्रोसेस्सड फूड में रिफाइन चीनी और नमक का सेवन करते हैं. इन दोनों से बचना चाहिए.
वे कहते हैं, "परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, चीनी, नमक ये सब वैस्कुलर हेल्थ के लिए गंभीर रूप से खतरनाक है."
एसोसिएड मेडिकल डायरेक्टर प्रो जेरेमी पियरर्सन कहते हैं, "यह शोध ये नहीं कहता कि अब आप जितना चाहे उतना वसा वाला खाना खा सकते हो. बहुत ज्यादा वसा खतरनाक है आपके लिए."
 
 
 
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