tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post6904255118582513837..comments2023-10-29T01:37:32.219-07:00Comments on divya prakash: रमता योगी या स्थिर योगी?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/08160854592562131489noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2446493380000559684.post-39912791935700096672011-06-24T04:07:26.235-07:002011-06-24T04:07:26.235-07:00ये कहावत शायद इसलिये कही गयी है कि योगी तो रम गया ...ये कहावत शायद इसलिये कही गयी है कि योगी तो रम गया है और जो रम गया उसे क्या फ़र्क पडेग़ा चाहिये जैसे पानी बहता ही अच्छा है यदि रुकेगा तो सड जायेगा शायद इसिलिये कहा गया हो …………कि जब आत्मा मे रमण करने लगे तो उसे कोई फ़र्क नही पडता उसके लिये सब एक समान होता है क्योंकि कार्य और कारण दोनो का वो दृष्टा बन जाता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com